बिना कोचिंग UPSC-IAS मुख्य परीक्षा की तैयारी कैसे करें, जानिए परीक्षा में सफल होने के महत्वपूर्ण सुझाव
लोक संघ सेवा आयोग (यूपीएससी) भर्ती परीक्षा देश की सबसे बड़ी परीक्षाओं में शुमार है। यूपीएससी परीक्षा जितनी लोकप्रिय है उतनी ही कठिन भी है। यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) भर्ती के द्वारा हर वर्ष कई परीक्षाएं आयोजित की जाती है। यह भारत की केंद्रीय संस्था है। यूपीएससी लगभग 24 पदों के लिए परीक्षाएं आयोजित करता है। इसमें सीडीएस (CDS), आईएएस (IAS), आईपीएस (IPS), आईआरएस (IRS), आईटीएस (ITS), आईडीईएस (IDES), आदि में और विदेश सेवाओं में भी सेवा करेंगे। इस क्षेत्र में एक कैरियर दिलचस्प, संतोषजनक और चुनौतीपूर्ण भी होगा, यही वजह है कि इसकी भर्ती प्रक्रिया भी कठोर है। इन सेवाओं में चयनित होने के लिए उम्मीदवार को यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा पास करना होगा। एनडीए (NDA), एससीआरए (SCRA) आदि कई परीक्षाएं शामिल हैं।
कब हुई UPSC की शुरुआत
यूपीएससी की शुरुआत 1 अक्टूबर 1926 को लोक सेवा आयोग के नाम से की गई थी। बाद में इसका नाम लोक संघ सेवा आयोग कर दिया गया। यूपीएससी भर्ती परीक्षा के लिए हर वर्ष लाखों की संख्या में उम्मीदवार आवेदन करते हैं। यह परीक्षा 3 चरणों में आयोजित की जाती है। पहला चरण है प्रारंभिक परीक्षा। दूसरा चरण है मुख्य परीक्षा। और तीसरा चरण साक्षात्कार है। यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण हुए उम्मीदवार ही यूपीएससी की मुख्य परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। मुख्य परीक्षा में सफल हुए उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया जाता है।
यूपीएससी की परीक्षा में शामिल होने के लिए आपकी न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए। अन्य पिछडी जाति के उम्मीदवार और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति वर्ग के उम्मीदवारों को भारत सरकार द्वार तय किए गए नियमों के अनुसार अधिकतम आयु में छूट दी जाती है।
तीन चरणों में परीक्षा आयोजित
यह परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है, जिनमें से प्रत्येक चरणों में उन उम्मीदवारों को खारिज कर दिया जाता है जो उस चरण में पास नही हो सके। इस परीक्षा का पहला चरण यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा है, जिसे आमतौर पर आईएएस प्रीमिम्स या फिर यूपीएससी प्रीमिम्स के नाम से जाना जाता है। यह संभवत: बाकी के दो चरणों में सबसे आसान है, लेकिन उम्मीदवारों को इस परीक्षा मे सफल होने के लिए एक योजनाबद्ध और समर्पित तैयारी करनी होती है।
सी-सैट पेपर – 2 में प्राप्त अंक पूर्व रैंकिंग के लिए जोड़े नहीं जाएंगे। यूपीएससी मेन परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों को इस पेपर में कम से कम 33 प्रतिशत स्कोर करना होगा। जी-एस पेपर 1 में प्राप्त अंक रैंकिंग में गिना जाएगा। इस पत्र में कट-ऑफ के अंक (आवश्यक न्यूनतम अंक) आयोग द्वारा निर्धारित किए जाएंगे और सिविल सर्विस प्रीलिम्स के परिणाम के बाद ही जनता को घोषित कर दिया जाता है।
नोट : यूपीएससी उम्मीदवारों को प्रत्येक गलत उत्तर देने पर उस प्रश्न के लिए आवंटित अंकों के 1/3rd भाग को पेनल्टी के रूप में काट लेता है।
कैसे शुरू करें तैयारी
एक आईएएस उम्मीदवार को आदर्श रूप से आईएएस तैयारी में अपने जीवन का कम से कम एक वर्ष देना होगा। इस समय के दौरान, उसे उन विषयों के साथ तैयारी शुरू करने की सलाह दी जाती है जो मुख्य और प्रारंभिक परीक्षाओं में होते हैं।
एक योजना तैयार करें : आपको एक अध्ययन योजना बनानी चाहिए और इस ध्येय की पूर्ति के लिए आप को अपनी तैयारी के लिये पूरी तरह से वफादार होना चाहिए। आपको आपकी तैयारी से दूर खींचने वाले भ्रम और प्रलोभन आयेंगे किंतु अपने आप से ईमानदार रहिये और याद रखें- “कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती, और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।”
CSAT (सी-सैट) की तैयारी कैसे करें
सी-सैट के लिये उम्मीदवारों को गणित, विज्ञान व इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि में मजबूत समझ का निर्माण करना होगा, तत्पश्चात आप इस पेपर को सफलता पूर्वक पास कर लेंगे। इसके अभ्यास के लिये वे कुछ पिछले साल के यूपीएससी सी-सैट प्रश्न पत्रों को हल करने का प्रयास करें। यह भी ध्यान रहे कि अगर उम्मीदवार जो सी-सैट पेपर में सफलता नही प्राप्त कर पाता भले ही उसने आपने जीएस पेपर 1 में अच्छे अंक प्राप्त किये हों, फिर भी उम्मीदवारआगे की परीक्षा देने के पात्र नहीं होंगे। इस पेपर के लिये यदि आप एक पूर्वनियोजित और मजबूत तैयारी रखेंगे तो आप मिनिमम क्वालीफाइंग अंक तो प्राप्त कर सकते हैं।
तथ्यों के साथ आंकड़ों का भी अध्ययन
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के संबंध में एक आम गलत धारणा यह भी है कि इसके लिये बहुत सारे तथ्यों और आंकड़ों को याद करने की अवश्यकता होती है। UPSC के परीक्षा पाठ्यक्रम में परिवर्तन को ध्यान में रखते हुये समझें तो यह पता चलता है कि इस परीक्षा में आपका मूल्यांकन विभिन्न मानकों पर किया जाएगा जैसे विश्लेषणात्मक क्षमता, अवधारणाओं की स्पष्टता और हां, आपका परीक्षण आपकी प्रश्नों को हल करने की गति के आधार पर भी किया जाएगा, क्योंकि आपको 120 मिनटों में 200 सवालों का जवाब देना होगा जो प्रति मिनट एक प्रश्न से भी कम है।
वर्तमान मामलों की समझ
यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि यूपीएससी प्रश्नपत्र मौजूदा मामलों के आधार पर होगा। आपको नवीनतम मौजूदा मामलों में बराबर अपडेट रहना होगा क्योंकि बहुत सारे सवाल उन पर आधारित होंगे और आपको अपने पाठ्यक्रमों को वर्तमान मामलों से भी जोडक़र अध्ययन करने की आवश्यकता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई विशिष्ट विषय अक्सर सुर्खियों में रहा है, तो सुनिश्चित करें कि आप उससे संबंधित प्रासंगिक जानकारी एकत्र करें और इन्हें सिद्धांत / अवधारणा के अधार पर ठीक से समझें। आईएएस अभ्यर्थी वर्तमान मामलों के विभागों जैसे ‘डेली न्यूज एनालिसिस’, पीआईबी (Press Information Bureau – PIB ) , राज्यसभा टीवी और वर्तमान मामलों की प्रश्नोत्तरी के माध्यम से अपने परीक्षा की तैयार में आगे बढ़ें।
तैयारी करने के मुख्य बिंदु
- प्रयास यह होना चाहिए कि सारे सिलेबस को दोहरा लिया जाए।
- इस अवधि में अपनी तैयारी का स्तर बढ़ाएं और दिन में कम से कम 10 घंटे का समय निकल कर अध्ययन करें।
- एक रणनीति यह भी है कि पूरे सिलेबस को तीन कैटेगरी में बांट लिया जाए- ए,बी और सी।
- ए सिलेबस को सबसे ज्यादा महत्व देते हुए इसे सबसे ज्यादा पढऩा और रिवाइज करना है।
- बी कैटेगरी सिलेबस पर भी आपको नजर रखनी है लेकिन ए के मुकाबले कम।
- पूरे सिलेबस में सी कैटेगरी अगर आपने एग्जाम से पहले एक दो बार भी देख लिया तो काफी है।
- यह कतई संभव नहीं है कि सिर्फ चार महीने में ही आप सारा कुछ पढ़ ले या दोहरा लें इसलिए रणनीति के साथ तैयारी करें।
- प्राथमिकता के आधार पर रिवीजन करें।
- ज्यादा से ज्यादा करेंट डेवलपमेंट पर फोकस करें।
- तथ्यों,डेटा सबंधी चीजों को ठीक से याद रखें। दिन में इसके लिए एक घंटा समय निश्चित कर लें।
- जो आपने आज पढ़ा है उसे फिर मन ही मन रिवाइज करने के लिए कम से कम आधा घंटा का वक्त निकालें।
- पढऩे और रिवाइज के दौरान संबंधित चीजों को इंटरलिंक करने का प्रयास करें।
- कुछ भी नया पढऩे से बचें, यह समय कॉन्सेप्ट मेकिंग का नहीं है क्योंकि वक्त कम है। जितना पढ़ा है उसे आत्मसात करें।
- 70 से 80 फीसदी सिलेबस अगर आपने अच्छी तरह कवर कर लिया है तो आप एग्जाम में जरूर अच्छा करेंगे।