यूपी: पराली प्रबंधन में पीलीभीत प्रदेश भर में अव्‍वल , डीएम पुलकित खरे को सीएम योगी करेंगे सम्मानित

न्यूज टुडे नेटवर्क। पराली के प्रबंधन के लिए यूपी के पीलीभीत जिले को प्रदेश में पहला स्थान मिला है। ज़िलाधिकारी, पीलीभीत पुलकित खरे के निर्देशन में जनपद में पराली फसल अवशेष के उचित प्रबंधन हेतु चलाये गए सघन जनजागरूकता अभियान व किये गए अन्य कार्यो के दृष्टिगत विगत वर्ष में पराली जलाने की हुई 368
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यूपी: पराली प्रबंधन में पीलीभीत प्रदेश भर में अव्‍वल , डीएम पुलकित खरे को सीएम योगी करेंगे सम्मानित

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। पराली के प्रबंधन के लिए यूपी के पीलीभीत जिले को प्रदेश में पहला स्‍थान मिला है। ज़िलाधिकारी, पीलीभीत पुलकित खरे के निर्देशन में जनपद में पराली फसल अवशेष के उचित प्रबंधन हेतु चलाये गए सघन जनजागरूकता अभियान व किये गए अन्य कार्यो के दृष्टिगत विगत वर्ष में पराली जलाने की हुई 368 घटनाओं के सापेक्ष जनपद में इस वर्ष मात्र 38 घटनाएं घटित हुई।

ज़िलाधिकारी के कुशल दिशा-निर्देशन में पराली जलाने की घटनाओं में इस वर्ष भारी कमी आयी है और जनपद को पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। पराली के उचित प्रबंधन और घटनाओं में आई भारी कमी तथा किसानों में पराली प्रबंधन के प्रति जागरूकता लाने के किये गए कार्यों के कारण मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा ज़िलाधिकारी व उनकी टीम की सराहना की गई है।

डीएम पुलकित खरे 23 दिसंबर को किसान दिवस के अवसर पर सम्मानित करने का निर्णय किया गया है।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ज़िलाधिकारी पुलकित खरे पीलीभीत को किसान दिवस के अवसर पर लोक भवन में सम्मानित किया जायेगा। पराली प्रबन्धन हेतु जनपद में ज़िलाधिकारी द्वारा समय समय पर समस्त विभागों की संयुक्त बैठक (पुलिस विभाग, राजस्व विभाग, ग्राम्य विभाग एवं कृषि विभाग) की गयी हैं। ज़िलाधिकारी द्वारा जनपद के समस्त कम्बाइन हार्वेस्टर स्वामियों, समस्त कस्टम हायरिंग सेंटर व समस्त फार्म मशीनरी धारकों एवं समस्त प्राविधिक सहायकों की बैठक का आयोजन किया गया।

जिसमें ज़िलाधिकारी द्वारा कड़ाई से निर्देश दिये गए कि पराली/गन्ने की पताई एवं अन्य कृषि अवशिष्टों को समस्त कृषकों न जलाने हेतु जागरूक व फसल अवशेष जलाने का कोई भी प्रकरण प्रकाश में आता है तो अर्थदण्ड/प्रशासनिक कार्यवाही के बारे में कठोरता से पेश आने हेतु निर्देशित किया गया। जनपद की प्रत्येक तहसील में ज़िलाधिकारी द्वारा समस्त लेखपालों को संवेदित करते हुए बैठक की गई। ग्राम स्तरीय पराली प्रबन्धन समिति का गठन किया गया।

जिसमें ग्राम प्रधान, सचिव, ग्राम पंचायत, लेखपाल, प्रावधिक सहायक ग्रुप-सी, बीट प्रभारी एवं हल्का इंचार्ज (पुलिस विभाग) को शामिल किया गया तथा प्रत्येक ब्लाक पर बुलाकर इस समिति की बैठक करके जागरूक किया गया तथा घटनायें होने पर कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। ज़िलाधिकारी द्वारा अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) को नोडल अधिकारी नामित करते हुए विकासखंड वार गोष्ठी कराई गई। फसल अवशेष के प्रबन्धन हेतु विकासखण्ड स्तर पर समस्त प्रधानों की गोष्ठी की गई। जनपद में बोर्ड परीक्षा पैटर्न पर सचल दस्ते के निर्माण से सतत निगरानी की गई। जिलाधिकारी द्वारा ग्राम प्रधानों को अपील पत्र भेजे गये।

पराली प्रबंधन से संबंधित बैठकों व किये गये कार्यक्रमों के कारण जनपद में पराली जलाने की घटनाओं के सापेक्ष 03 लेखपाल, 03 प्राविधिक सहायक, 03 ग्राम पंचायत सचिव व 03 पुलिस विभाग के बीट प्रभारियों को निलम्बित किया गया।  02 ग्राम प्रधानों तथा चैकी इंचार्ज को नोटिस, 01 कम्बाइन हार्वेस्टर जप्त, रू0 10000 के अर्थदण्ड की वसूली की गई। आरोपित कृषकों के राशन कार्ड, चरित्र प्रमाण पत्र, हैसियत प्रमाण पत्र, असलाह लाइसेंस आदि निरस्त किये गये, ट्रैक्टर एवं कम्बाइन सीज़ किये गये। अन्य सरकारी सुविधाओं से भी वंचित किया गया।

जनपद में 03 प्रकरण प्रकाश में आने की स्थिति में तुरन्त सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की गई, जिसमें पिछले वर्ष 368 घटनाओं के सापेक्ष इस वर्ष सैटेलाइट के माध्यम से मात्र 38 प्रकरण प्रकाशा में आए हैं, जिसमें 03 पराली जलाने की घटनाऐं, 04 पताई जलाने के घटनाऐं, 08 कूड़ा करकट जलाने की घटनाऐं, 01 चूरा भट्टी में आग की घटना, 01 शमशान भूमि में आग जलने की घटना, 06 आग तापने की घटनाऐं, 07 असत्य घटनाऐं, 05 घटनाऐं उत्तराखण्ड, 01 नेपाल की घटना एवं 02 जनपद शाहजहांपुर की घटनाऐं, इस प्रकार कुल 38 घटनायें जनपद में प्रदर्शित हुई है, जोकि पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत ही हैं।