यूपी: अब अफसर नहीं कर पाएंगे गैंगस्टर एक्ट का दुरूपयोग, जानिए, क्या है डीजीपी की नई गाइडलाइन

हाईकोर्ट ने नई गाइडलाइन पर जताई है संतुष्टि न्यूज टुडे नेटवर्क। गैगस्टर एक्ट को लेकर प्रदेश के डीजीपी की नई गाइड लाइन से हाईकोर्ट भी सहमत है। इस नई गाइडलाइन पर हाईकोर्ट इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि गाइडलाइन का पालन नहीं करने वाले अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने गाइड लाइन पर
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यूपी: अब अफसर नहीं कर पाएंगे गैंगस्टर एक्ट का दुरूपयोग, जानिए, क्या है डीजीपी की नई गाइडलाइन

हाईकोर्ट ने नई गाइडलाइन पर जताई है संतुष्टि

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। गैगस्‍टर एक्‍ट को लेकर प्रदेश के डीजीपी की नई गाइड लाइन से हाईकोर्ट भी सहमत है। इस नई गाइडलाइन पर हाईकोर्ट इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय ने कहा है कि गाइडलाइन का पालन नहीं करने वाले अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने गाइड लाइन पर सं‍तुष्टि जाहिर की है।

दरअसल हाईकोर्ट इलाहाबाद ने गैंगस्‍टर एक्‍ट के मामलों में दुरूपयोग की बात कही थी। कहा था कि पुलिस द्वारा गैंगस्‍टर एक्‍ट को बिना वज‍ह के मामलों में इस्‍तेमाल किया जा रहा है। हाईकोर्ट ने डीजीपी को इसके लिए नई गाइडलाइन बनाने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट की सख्‍ती के बाद डीजीपी ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है। यह आदेश जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की बेंच ने मनोज कुमार निर्मल की जमानत याचिका पर पारित किया है।

आदेश के अनुपालन में राज्य सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि वर्ष 2014 में इस संबंध में एक गाइडलाइन बनाई गई थी और अब कोर्ट के वर्तमान आदेश के अनुपालन में 9 दिसम्बर 2020 को नई गाइडलाइन बनाई जा चुकी है। इस संबंध में डीजीपी का हलफनामा भी प्रस्तुत किया गया। नई गाइडलाइन में कहा गया है कि जिन मामलों में अन्तिम रिपोर्ट भेजी जा चुकी हो या अभियुक्त को दोषमुक्त किया जा चुका हो, उन्हें गैंग चार्ट के आपराधिक विवरण में शामिल न किया जाए।

गाइडलाइन में गैंगस्‍टर एक्‍ट के मामलों की विवेचना अनिवार्य रूप से दूसरे थाने के थाना प्रभारी से कराए जाने का प्रावधान है। थाना प्रभारी द्वारा गैंगचार्ट में प्रत्येक अभियुक्त के विरूद्ध पंजीकृत मुकदमों के परिणाम का भी उल्लेख किया जाएगा। जिन आपराधिक मुकदमों को आधार बनाकर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जा चुकी है उसी को आधार बनाकर पुनः कार्रवाई नहीं की जाएगी।