उन्नाव: एक ही दुपट्टे से खेत में बंधी मिलीं तीन दलित बहनें, दो की मौत, गांव में तनाव ,फोर्स तैनात

न्यूज टुडे नेटवर्क। यूपी के उन्नाव जिले के एक खेत में तीन नाबालिग बहनें एक ही दुपट्टे से बंधी मिली हैं। इनमें से दो बहनों की संदिग्ध रूप से मौत भी हो गई है। तीसरी की हालत गंभीर बनी हुई है। इनके मुंह से मौके पर झाग निकलते दिख रहे हैं पुलिस ने आशंका जताई
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उन्नाव: एक ही दुपट्टे से खेत में बंधी मिलीं तीन दलित बहनें, दो की मौत, गांव में तनाव ,फोर्स तैनात

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। यूपी के उन्‍नाव जिले के एक खेत में तीन नाबालिग बहनें एक ही दुपट्टे से बंधी मिली हैं। इनमें से दो बहनों की संदिग्‍ध रूप से मौत भी हो गई है। तीसरी की हालत गंभीर बनी हुई है। इनके मुंह से मौके पर झाग निकलते दिख रहे हैं पुलिस ने आशंका जताई है कि इन्‍होंने जहर खा लिया होगा या इन्‍हें जबरन जहर दिया गया होगा। घटना को लेकर पूरे गांव के ग्रामीण आक्रोशित हैं। तनाव और ग्रामीणों के गुस्‍से को देखते हुए गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है।

पासी समुदाय की इन लड़कियों की उम्र 13, 16 और 17 साल है। इनके भाई ने कहा कि हमारे परिवार की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। तीनों बहनें पहले स्कूल जाती थीं, लेकिन कुछ दिन पहले उनका स्कूल जाना छुड़वा दिया गया था। पीड़ित परिवार ने इस घटना के पीछे किसी साजिश का शक जताया है। हालांकि, उन्नाव के SP आनंद कुलकर्णी का कहना है कि पोस्टमॉर्टम के बाद ही मौत की वजह पता चल सकेगी। जांच के लिए छह टीमें बनाई गई हैं।

गंभीर हाल में एक कानुपर रैफर

परिवार वालों ने बताया कि तीनों लड़कियां दोपहर करीब तीन बजे अपने ही खेत पर चारा लेने गई थीं। शाम तक नहीं लौटीं तो उनकी तलाश शुरू की गई। अस्पताल ले जाने पर दो को मृत घोषित कर दिया गया। तीसरी लड़की को कानपुर रैफर किया गया है।

सपा ने लगाए मामला दबाने के आरोप

सपा नेता सुनील साजन ने पुलिस पर इस मामले को दबाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पुलिस जिस तरह इस मामले को हैंडल कर रही है, उससे साफ है कि वह असलियत छिपाना चाहती है। उत्तर प्रदेश में दलित बेटियां सुरक्षित नहीं हैं।

पाठकपुर की ग्राम प्रधान सीमा पाठक के पति धर्मेंद्र ने बताया कि उन्होंने अस्पताल में लड़कियों के शव देखे। इन पर किसी तरह के चोट के निशान नहीं हैं। शरीर पर पूरे कपड़े थे, ऐसे में जोर-जबर्दस्ती की आशंका भी नहीं है। उन्होंने बताया कि बबुराहा की आबादी करीब 300 है। इनमें ज्यादातर ब्राह्मण और गोस्वामी समुदाय के हैं। पासी समुदाय के कुछ ही घर हैं।