उन्नाव केस: परिजनों के अलग अलग बयानों से और उलझा मामला, अंतिम संस्कार का सपाई कर रहे विरोध

न्यूज टुडे नेटवर्क। यूपी के उन्नाव में तीन बहनों के खेत में बंधे पड़े मिलने के बाद दो बहनों की मौत के मामले में गुत्थी सुलझती दिखाई नहीं दे रही है। परिवार के सदस्यों के बयानों में फर्क होने से पुलिस वारदात के खुलासे को लेकर किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रही है। बताया
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उन्नाव केस: परिजनों के अलग अलग बयानों से और उलझा मामला, अंतिम संस्कार का सपाई कर रहे विरोध

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। यूपी के उन्‍नाव में तीन बहनों के खेत में बंधे पड़े मिलने के बाद दो बहनों की मौत के मामले में गुत्‍थी सुलझती दिखाई नहीं दे रही है। परिवार के सदस्‍यों के बयानों में फर्क होने से पुलिस वारदात के खुलासे को लेकर किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रही है। बताया जा रहा है कि युवतियों के भाई और मां के बयानों में अलग अलग बातें सामने आई हैं जिसके बाद मामला और उलझता प्रतीत हो रहा है। फिलहाल मामले में पुलिस हर पहलू पर जांच कर रही है।

उन्नाव जिले में संदिग्ध हालत में दो नाबालिग लड़कियों की मौत के मामले में पेंच उलझता जा रहा है। इसमें परिवार से ही अलग-अलग बयान आ रहे हैं। लड़कियों के भाई ने कहा है कि जब वह मौके पर पहुंचा तो दो मृतक दुपट्‌टे से बंधी थीं। हालांकि, तीसरी लड़की जिसकी हालत गंभीर है उसकी मां ने कहा है कि उसने मौके पर किसी भी लड़की को बंधा हुआ नहीं देखा था।

बयानों में फर्क को देखते हुए पुलिस परिवार के कुछ सदस्यों को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई है। मामला दलित समाज से होने की वजह से इस पर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। बुधवार को बबुराहा टोला गांव में 13, 16 और 17 साल की तीन लड़कियां अपने खेत पर संदिग्ध हालत में बेहोश मिली थीं। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां दो को मृत घोषित कर दिया गया। तीसरी लड़की को गंभीर हालत में कानपुर रैफर किया गया है। शुरू में खबर आई थी कि ये तीनों एक ही दुपट्‌टे से बंधी पाई गई थीं।

प्रशासन ने अंतिम संस्‍कार का जेसीबी बुलाई लेकिन सपा कार्यकर्ता विरोध पर अड़े

पोस्टमॉर्टम के बाद लड़कियों के शव परिजन को सौंप दिए गए हैं। इन्हें दफनाने के लिए प्रशासन ने जेसीबी मशीन भी बुला ली है, लेकिन सपा कार्यकर्ता अंतिम संस्कार का विरोध कर रहे हैं। वे गांववालों के साथ धरने पर बैठ गए हैं। उनका कहना है कि जब तक पीड़ित परिवार को नौकरी, मुआवजा नहीं मिलता और हत्यारों की तलाश नहीं होती, अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। यहां सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के पहुंचने के कयास लगाए जा रहे हैं। राज्य के मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है।