जज्बे को सलाम : उत्तराखंड की ये बेटी इतनी कम उम्र में बन गई प्रथम महिला ट्रेन चालक

महिला ट्रेन चालक -उत्तराखंड की बेटियों ने देश ही नहीं विदेशों में भी प्रदेश का नाम रोशन किया है। अब इसमें एक नाम और जुड़ गया है… ऋषिकेश की अंजलि शाह का, जो उत्तराखंड की पहली महिला टे्रन चालक बनी हैं। तीर्थनगरी की अंजलि ने अपने बचपन का सपना साकार किया है। असिस्टेंट लोको पायलट
 | 
जज्बे को सलाम : उत्तराखंड की ये बेटी इतनी कम उम्र में बन गई प्रथम महिला ट्रेन चालक

महिला ट्रेन चालक -उत्तराखंड की बेटियों ने देश ही नहीं विदेशों में भी प्रदेश का नाम रोशन किया है। अब इसमें एक नाम और जुड़ गया है… ऋषिकेश की अंजलि शाह का, जो उत्तराखंड की पहली महिला टे्रन चालक बनी हैं। तीर्थनगरी की अंजलि ने अपने बचपन का सपना साकार किया है। असिस्टेंट लोको पायलट अंजलि फिलहाल ट्रेनिंग पर हैं। वो अभी ट्रेन के मुख्य चालक की मदद से ट्रेन चला रही हैं। 23 वर्षीय अंजलि शाह ट्रेनिंग के दौरान दो ट्रेन ट्रिप पूरी कर चुकी हैं।

जज्बे को सलाम : उत्तराखंड की ये बेटी इतनी कम उम्र में बन गई प्रथम महिला ट्रेन चालक

असिस्टेंट लोको पायलट नियुक्त

अंजली शाह का कहना है कि वह बचपन में ही ट्रेन को देखकर ये ठान लिया था कि वो ट्रेन चालक बनेंगी। उन्होंने कहा कि वो उत्तराखंड की पहली महिला ट्रेन चालक बन गई हैं, जिससे वो काफी खुश हैं। दरअसल, 6 महीने की बेसिक ट्रेनिंग के बाद अंजलि को हरिद्वार-ऋषिकेश में बतौर असिस्टेंट लोको पायलट नियुक्त किया गया है। एक साल तक असिस्टेंट रहने के बाद अंजलि लोको पायलट बन जाएंगी।

जज्बे को सलाम : उत्तराखंड की ये बेटी इतनी कम उम्र में बन गई प्रथम महिला ट्रेन चालक

अंजलि काफी होनहार है : ट्रेनर

ट्रेनिंग दे रहे अधिकारी का कहना है कि अंजलि काफी होनहार है जिसे जो कुछ भी बताया सिखाया जाता है वो तुरंत उसको दिमाग में बैठा लेती है और भविष्य में वो एक अच्छी ट्रेन चालक बनेगी। वहीं, अंजलि को ट्रेन चलाने की ट्रेनिंग दे रहे मुख्य चालक बृजपाल ने बताया कि अंजलि काफी होनहार है। ट्रेन को लेकर जो कुछ भी सिखाया जाता है वो तुरंत उन बातों को समझ जाती है। बहुत तेजी से ट्रेन चलाना सीख रही हैं।