ट्रैक्टर मार्च: किसानों की जिद के आगे अफसरों के छूटे पसीने, महिलाएं भी ट्रैक्टर चलाकर पहुंची

वीडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करेें, https://fb.watch/2SKqRb1pj1/ न्यूज टुडे नेटवर्क। यूपी के पीलीभीत जिले की पूरनपुर तहसील में गुरूवार को किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला। कृषि कानूनों के विरोध में किसान सड़कों पर उतर पड़े। अफसरों से झड़प भी लेकिन प्रशासन ट्रैक्टर रैली को नहीं रोक पाया। किसानों के आंदोलन की जानकारी पुलिस प्रशासन को
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ट्रैक्टर मार्च: किसानों की जिद के आगे अफसरों के छूटे पसीने, महिलाएं भी ट्रैक्टर चलाकर पहुंची

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। यूपी के पीलीभीत जिले की पूरनपुर तहसील में गुरूवार को किसानों ने ट्रैक्‍टर मार्च निकाला। कृषि कानूनों के विरोध में किसान सड़कों पर उतर पड़े। अफसरों से झड़प भी लेकिन प्रशासन ट्रैक्‍टर रैली को नहीं रोक पाया। किसानों के आंदोलन की जानकारी पुलिस प्रशासन को एक पहले ही लग गई थी। इसके बावजूद प्रशासन किसानों के मार्च को नहीं रोक सका। अधिकारियों से झड़प के बाद किसानों ने सैकड़ों ट्रैक्टरों के साथ कस्बे में लगभग चार घंटे तक मार्च निकाला। किसानों के उग्र प्रदर्शन से अधिकारियों के पसीने छूट गए।

दिल्ली में कृषि कानून के विरोध में हजारों किसान आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन में मौजूद किसानों के समर्थन में गुरुवार को किसानों ने भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले विशाल ट्रैक्टर मार्च निकाला। कजरी निरंजनपुर से सैकड़ों ट्रैक्टरों से किसान  पूरनपुर पहुंच गए। हालांकि सुबह से ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी हाईवे सहित पूरनपुर के संपर्क मार्गों पर गश्त करते रहे।

इसके बावजूद समूचे क्षेत्र से किसान लगभग ढाई सौ ट्रैक्टर लेकर पूरनपुर पीलीभीत रोड पर नए बस अड्डे पर एकत्र हो गए। वहां से किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला। आगे-आगे सैकड़ों किसान पैदल चल रहे थे। उनके पीछे बाइकें और सबसे पीछे सैकड़ों ट्रैक्टरों से भी किसान मार्च में शामिल रहे। बस अड्डे से निकाला गया मार्च सिरसा चौराहे से होकर कोतवाली रोड से होते हुए स्टेशन चौराहे पर पहुंचा। वहां के किसान माधोटांडा रोड से होते हुए एलआईसी तिराहे पर पहुंचे।

वहां से यह मार्च कायस्थान  मोहल्ले से होते हुए घुंघचाई चौराहे पर पहुंचा। यहां किसानों ने कृषि कानून के विरोध में जमकर नारेबाजी की। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के कार्यकर्ताओं ने एसडीएम राजेंद्र प्रसाद को ज्ञापन सौंपा। मार्च के दौरान कस्बे में चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स और पीएसी के जवान तैनात रहे यही नहीं मार्च के आगे आगे कोतवाल एस के सिंह फोर्स के साथ चल रहे थे। इसके अलावा एसडीएम राजेंद्र प्रसाद और सीओ प्रमोद कुमार यादव भी मार्च पर नजर बनाए रहे।

प्रशासन को मार्च के दौरान गुमराह करते रहे किसान

किसानों के धरना प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने पहले ही कमर कस ली थी इसके बावजूद वह उन्हें रोक नहीं सके। किसानों ने सोशल मीडिया के माध्यम से क्षेत्र के अन्य किसानों को मंडी परिसर पहुंचने का आवाहन किया था। इस पर सुबह से ही मंडी के पास पुलिस फोर्स पहुंच गई। यही नहीं एसडीएम, सीओ सहित पुलिस की कई टीमें पूरनपुर के संपर्क मार्ग पर दौड़ती रहीं। उन पर पहुंचे किसानों को अधिकारियों ने रोकने का प्रयास किया झड़प के बाद किसान पुलिस का घेरा तोड़कर आगे बढ़ गए। प्रशासन को गुमराह करते हुए किसान मंडी स्थल पर न पहुंचकर पीलीभीत हाईवे पर बस अड्डे के पास एकत्र हुए। वहां से मार्च निकालते हुए मंडी की ओर बड़े किसान बीच रास्ते से लौटकर घुंघचाई चौराहे पर पहुंच गए। किसानों के कार्यक्रम के बार-बार बदलने से अधिकारी परेशान हो गए।

तीन संगठनों ने एसडीम को सौंपा ज्ञापन

कस्बे में ट्रैक्टरों से मार्च निकालने के बाद किसान  घुंघचाई  चौराहे पर पहुंचे। वहां किसानों ने आगे की रणनीति बनाई और मार्च को समाप्त कर दिया। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष मनजीत सिंह ने कार्यकर्ताओं के साथ प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम राजेंद्र प्रसाद को सौंपा। इसमें 10 सूत्रीय मांगे रखी गईं। इस दौरान भारत की कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के कार्यकर्ताओं ने भी कई मांगों को लेकर एसडीम को ज्ञापन सौंपा।