तो इस बड़ी ‘योजना’ के तहत 80 घंटे के लिए महाराष्ट्र मुख्यमंत्री बने थे देवेन्द्र फडणवीस

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 80 घंटे में पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने शनिवार को सुबह 7.30 बजे राज्य के 28वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। फडणवीस का कार्यकाल सिर्फ 80 घंटे का रहा। शपथ ग्रहण के चौथे दिन ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया। फडणवीस राज्य के सबसे कम समय तक
 | 
तो इस बड़ी ‘योजना’ के तहत  80 घंटे के लिए महाराष्ट्र मुख्यमंत्री बने थे देवेन्द्र फडणवीस

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 80 घंटे में पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने शनिवार को सुबह 7.30 बजे राज्य के 28वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। फडणवीस का कार्यकाल सिर्फ 80 घंटे का रहा। शपथ ग्रहण के चौथे दिन ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया। फडणवीस राज्य के सबसे कम समय तक मुख्यमंत्री रहे हैं। हालांकि, पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले वह राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। सबसे कम समय महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री रहने वाले नेता कांग्रेस के पीके सावंत भी हैं, जो 8 दिनों तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे। उनका कार्यकाल 25 नवंबर 1963 से 4 दिसंबर 1963 तक का था। वहीं, महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री का तीसरा सबसे कम कार्यकाल कांग्रेस के शिवाजी राव पाटिल के नाम था। पाटिल 276 दिन तक मुख्यमंत्री रहे। इनका कार्यकाल 3 जून 1985 से 6 मार्च 1986 तक रहा है।

तो इस बड़ी ‘योजना’ के तहत  80 घंटे के लिए महाराष्ट्र मुख्यमंत्री बने थे देवेन्द्र फडणवीस

योजना का हिस्सा

बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि शिवसेना के कांग्रेस और एनसीपी के साथ जाने के बाद ही ऐसा क्या हुआ कि बहुमत नहीं होने के बाद भी 105 विधायकों के नेता फडणवीस ने ताबड़तोड़ शपथ ले ली। लेकिन, देवेन्द्र के फिर मुख्यमंत्री बनने के पीछे एक बड़ा रहस्य छिपा हुआ है। दरअसल, उनका मुख्यमंत्री बनना एक बड़ी ‘योजना’ का हिस्सा था।

फंड बचाने के लिए फडणवीस ने ली थी सीएम की शपथ

सोशल मीडिया में चल रहीं खबरों पर भरोसा करें तो यह मामला मुंबई से अहमदाबाद तक चलने वाली बुलेट ट्रेन से जुड़ा हुआ है। महाराष्ट्र में मोदी सरकार ने बुलेट ट्रेन के लिए जापान करार किया था, जिसके लिए जापान ने करोड़ों का फंड बिना ब्याज के देना तय किया गया था। ऐसा माना जा रहा है कि इस फंड पर कांग्रेस और एनसीपी की नजर थी। डर था कि ये पार्टियां इस फंड का दुरुपयोग कर सकती हैं। इस फंड को बचाने के लिए ही देवेन्द्र फडणवीस ने दूसरी बार शपथ ली।

तो इस बड़ी ‘योजना’ के तहत  80 घंटे के लिए महाराष्ट्र मुख्यमंत्री बने थे देवेन्द्र फडणवीस

किसानों को दिए 5380 करोड़

फडणवीस का दूसरी बार शपथ लेना इसलिए भी आश्चर्यजनक है क्योंकि शिवसेना की बगावत के बाद भाजपा पहले ही कह चुकी थी कि उसके पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है, अत: वह विपक्ष में बैठना पसंद करेगी। फिर भी बात में कितना दम है इसका कोई आधिकारिक सबूत फिलहाल नहीं है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि फडणवीस 80 घंटों में ही महाराष्ट्र के किसानों को 5380 करोड़ रुपए दे गए। उनका कर्ज माफ कर दिया। अपने दूसरे कार्यकाल में फडणवीस ने सीएम रिलीफ फंड से एक चेक कुसुम वेंगुर्लेकर नामक महिला को जारी किया था। ऐसा भी कहा जा रहा है कि अब जापान से बुलेट ट्रेन के लिए भी पैसा नहीं आएगा।