आप भी पा सकती हैं तीलू रौतेली पुरस्कार, जानिए क्या होनी चाहिए योग्यता

हल्द्वानी। उत्तराखंड में महिला सशक्तीकरण के लिए बहुत सारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं।...
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आप भी पा सकती हैं तीलू रौतेली पुरस्कार, जानिए क्या होनी चाहिए योग्यता

हल्द्वानी। उत्तराखंड में महिला सशक्तीकरण के लिए बहुत सारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इन्हीं में से एक योजना का नाम है तीलू रौतेली पुरस्कार योजना है।
उत्तराखंड की लक्ष्मीबाई के नाम से प्रसिद्ध तीलू रौतेली (तिलोत्तमा देवी), गढ़वाल की एक ऐसी वीरांगना थीं जो केवल 15 वर्ष की उम्र में रणभूमि में कूद पड़ी थीं। उन्होंने सात साल तक अपने दुश्मन राजाओं को कड़ी चुनौती दी थी। 15 से 20 वर्ष की आयु में सात युद्ध लड़ने वाली तीलू रौतेली उर्फ तिलोत्‍तमा देवी भारत की रानी लक्ष्‍मीबाई, चांद बीबी, झलकारी बाई, बेगम हजरत महल के समान ही देश विदेश में ख्‍याति प्राप्‍त हैं।

इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड राज्य सरकार का महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग हर साल 13 किशोरियों और महिलाओं को प्रोत्साहन के लिए तीलू रौतेली पुरस्कार देता है। सामाजिक शिक्षा, कला, संस्कृति और साहस के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने वाली महिलाओं और किशोरियों को यह सम्मान दिया जाता है। किशोरी वर्ग में आयु सीमा ग्यारह से अठारह वर्ष और महिला वर्ग में आयु 18 से अधिक होनी चाहिए। चयनित होने पर विभाग की ओर से 21 हजार रुपये का नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।

कब किया जाता है आवेदन
तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए राज्य के प्रत्येक जिले से अप्रैल से जून के बीच में आवेदन मांगे जाते हैं। अलग-अलग क्षेत्र में सभी अर्हताओं को पूरी करने वाली महिलाएं और किशोरियां निश्चित तिथि तक जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में अपना नामांकन फार्म जमा करवा सकती हैं। विभाग की ओर से हर साल उत्तराखंड राज्य की वीरांगना तीलू रौतेली की याद में कुल तेरह महिलाओं और किशोरियों को यह पुरस्कार दिया जाता है।

ऐसे करें आवेदन
नामांकन पत्र नाम पते, उपलब्धि और संक्षिप्त जीवन परिचय के साथ जिला कार्यक्रम अधिकारी के कार्यालय में जमा करवाएं। विस्तृत जानकारी के लिए बाल विकास विभाग के कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं।