उत्तराखंड के इस गांव में नहीं होती हनुमान जी की पूजा, जानिए क्यों नाराज हैं यहां के लोग

देहरादून-न्यूज टुडे नेटवर्क : भगवान हनुमान को लेकर पिछले दिनों कई विवादित बयान सामने आए। किसी उन्हें दलित बताया, किसी ने मुसलमान, किसी खिलाड़ी, लेकिन हकीकत तो यही है कि हनुमान जी हिंदुओं के प्रमुख आराध्य देवों में से एक हैं और भारत में उनकी पूजा की जाती है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं
 | 
उत्तराखंड के इस गांव में नहीं होती हनुमान जी की पूजा, जानिए क्यों नाराज हैं यहां के लोग

देहरादून-न्यूज टुडे नेटवर्क : भगवान हनुमान को लेकर पिछले दिनों कई विवादित बयान सामने आए। किसी उन्हें दलित बताया, किसी ने मुसलमान, किसी खिलाड़ी, लेकिन हकीकत तो यही है कि हनुमान जी हिंदुओं के प्रमुख आराध्य देवों में से एक हैं और भारत में उनकी पूजा की जाती है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि हमारे भारत में ही एक जगह ऐसी है जहां हनुमान जी की पूजा नहीं की जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां के निवासी हनुमान जी द्वारा किए गए एक काम से आज तक नाराज हैं।

[quads id=1]
उत्तराखंड के इस गांव में नहीं होती हनुमान जी की पूजा, जानिए क्यों नाराज हैं यहां के लोग

चमोली के जोशीमठ में है यह गांव

द्रोणागिरि गांव उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली के जोशीमठ विकास खण्ड में जोशीमठ नीति मार्ग पर है। यह गांव लगभग 14000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां के लोगों का मानना है कि हनुमानजी जिस पर्वत को संजीवनी बूटी के लिए उठाकर ले गए थे, वह यहीं स्थित था।

उत्तराखंड के इस गांव में नहीं होती हनुमान जी की पूजा, जानिए क्यों नाराज हैं यहां के लोग

चूंकि द्रोणागिरि के लोग उस पर्वत की पूजा करते थे, इसलिए वे हनुमान जी द्वारा पर्वत उठा ले जाने से नाराज हो गए। यही कारण है कि आज भी यहां हनुमान जी की पूजा नहीं होती। यहां तक कि इस गांव में लाल रंग का झंडा लगाने पर पाबंदी है। दो युग बीत गए, लेकिन लोग हनुमान के इस कृत्य को भुला नहीं पाए। नाराजगी इस हद तक है कि गांव में रामलीला का मंचन नहीं किया जाता। पूरे क्षेत्र में हनुमान की पूजा भी वर्जित है।