इस मंदिर की शाकाहारी मगरमच्छ करता है रखवाली, सिर्फ मंदिर का प्रसाद खाकर रहता है जीवित
केरल न्यूज टुडे नेटवर्क : केरल न्यूज टुडे नेटवर्क : अभी तक आपने मगरमच्छ के बारे में यही सुना होगा कि वो मांसाहारी होता है, लेकिन इस दुनिया में एक ऐसा मगरमच्छ भी है जो शाकाहारी है। इतना ही नहीं बल्कि यह मगरमच्छ मरने के बाद फिर से जिंदा हो जाता है। कभी सदियों दशकों पहले भी चमत्कार हुए हो या शास्त्रो में किसी स्थान का वर्णन हो तो लोग पुण्य की प्राप्ति और भगवान की प्रसन्नता के लिए उमड़ पड़ते हैं उन स्थानों पर। अब तो सोशल मीडिया का जमाना है और लोग हर स्थान से अपनी सेल्फी और वीडियो शेयर करते है तो ऐसे में इन धार्मिक स्थानों पर दर्शन के दौरान तो और भी ज्यादा क्रेजी हो जाते हैं लोग। प्रसिद्ध तीर्थो और शक्तिपीठो के आलावा भी कुछ ऐसे मंदिर है जहां लोग जाते है। इन मंदिरो में कइयों के विशवास की डोर जुडी है तो काफी लोग तीर्थ, दर्शन के बहाने भी जाते हैं।
मंदिर का चढ़ा प्रसाद खाकर रहता है जीवित
कहा जाता है कि जब इस झील में एक मगरमच्छ की मौत हो जाती है तो रहस्यमयी तरीके से दूसरा मगरमच्छ अपने आप प्रकट हो जाता है। भगवान की पूजा के बाद भक्तों द्वारा चढ़ाया गया प्रसाद बबिआ मगरमच्छ को खिलाया जाता है। बबिओ को मंदिर में प्रसाद खिलाने का काम सिर्फ मंदिर के पुजारी ही करते हैं। ये मगरमच्छ करीब 60 सालों से रह रहा है। आजादी के पूर्व एक अंग्रेज अफसर ने यहां के मगरमच्छ को मार दिया था जो की अगले दिन फिर जिन्दा होकर आ गया था। ये मगर शाकाहारी है और सिर्फ मंदिर का चढ़ा प्रसाद खाकर ही जीवित रहता है।
मृत्यु के पश्चात फिर जीवित हो जाता है ये मगरमच्छ
दक्षिण भारत में यह केरला के प्रसिद्ध मंदिर पद्मानाभस्वामी मंदिर के बीच स्थित तालाब में रहता है। यह मंदिर भगवान विष्णु का हैं जो झील के बीच बना हुआ है। इस मंदिर की रखवाली एक मगरमच्छ करता है, जिसका ‘बबिआ’ नाम है। मगरमच्छ से फेमस इस मंदिर में यह भी मान्यता है कि जब इस झील में जब भी मगरमच्छ की मृत्यु होती है तो रहस्यमयी ढंग से दूसरा मगरमच्छ प्रकट हो जाता है।