हल्द्वानी- रामपुर रोड की यह जगह बनी डेंजर जोन, अब तक ले चुकी हैं कई जानें

हल्द्वानी- न्यूज टुडे नेटवर्क- रामपुर रोड पर शनिवार की देर रात साईकिल पर सवार दो युवको को अज्ञात वाहन ने रौंद डाला। एक युवक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि दूसरे ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। शनिवार की रात इन दोनों परिवारों के लिए काली रात साबित हुई। बताया
 | 
हल्द्वानी- रामपुर रोड की यह जगह बनी डेंजर जोन, अब तक ले चुकी हैं कई जानें

हल्द्वानी- न्यूज टुडे नेटवर्क- रामपुर रोड पर शनिवार की देर रात साईकिल पर सवार दो युवको को अज्ञात वाहन ने रौंद डाला। एक युवक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि दूसरे ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। शनिवार की रात इन दोनों परिवारों के लिए काली रात साबित हुई। बताया जा रहा है कि पंचायत घर के पास जिस जगह पर यह हादसा हुआ है वहां पर अक्सर हादसे होते रहते है। उस स्थान पर कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। देर रात जीतपुर नेगी के रहने वाले प्रकाश चन्द्र और उसके साथी संजू ने भी इसी जगह अपनी जान गंवा दी। सबसे ज्यादा सडक़ हादसे रामपुर रोड में होते हैं। उनमें से अधिकांश हादसे पंचायत घर के पास हुए है। इसलिए अगर आप रामपुर रोड पर ड्राइव कर रहे है तो जरासंभल के अपना वाहन चलाये। इस रोड पर बढ़ते हादसों ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।

हल्द्वानी- रामपुर रोड की यह जगह बनी डेंजर जोन, अब तक ले चुकी हैं कई जानें

सुनीता पर टूटा दुखों का पहाड़, अब पति भी खोया

जीतपुर नेगी में रहने वाले प्रकाश चन्द्र का परिवार प्रकाश की मौत के बाद असहाय हो गया। देर रात सडक़ हादसे में प्रकाश की मौत के बाद उनकी पत्नी सुनीता पर दुखों का पहाड़ टूट गया। प्रकाश के मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार को पालन-पोषण करता था। प्रकाश के चार बच्चे हैं। सबसे बड़ी लडक़ी 9वीं में पढ़ती है। बाकि सब छोटे-छोटे है। प्रकाश की मौत के बाद उसकी बीबी व बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। बच्चे बार-बार पापा-पापा की रट लगाये बैठे है। सबसे छोटा बेटा अभी भी पापा के आने का इंतेजार कर रहा है। प्रकाश की मौत के बाद परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी सुनीता के ऊपर आ गई है। इससे पिछले साल सुनीता के ससुर का निधन हो गया था। उसके बाद सुनीता की मां भी चल बसी। मायके से भी आर्थिक स्थिति मजबूत न होने से सुनीता का रो-रोकर बुरा हाल है।

इसी जगह हुआ ससुर, जेठ और पति के साथ हादसा

सुनीता के परिवार की कहानी सडक़ हादसे से जुड़ी है। पहले सडक़ हादसे में जेठ को खोया। इसके बाद इसकी जगह उनके ससुर का भी एक्सीडेंट हुआ लेकिन वह बच गये लंबी बीमारी के बाद पिछले साल उनका भी निधन हो गया। अब सुनीता के पति प्रकाश का भी देर रात उसी जगह पर एक्सीडेंट हुआ जहां उसके भाई और पिता के साथ सडक़ हादसा हुआ था। सुनीता अपने ससुर, जेठ और पति को खो चुकी हैं। छह महीने पहले ही वह अपनी मां को भी खो चुकी है। ऐसे में सुनीता के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मजदूरी के अलावा उसके पास कोई दूसरा जरिया नहीं है।

WhatsApp Group Join Now
News Hub