4400 Km बाइक चलाकर तमिलनाडु पहुंचा हल्द्वानी का ये शख्स, देश भर में फैलाया ये महत्वपूर्ण संदेश

Haldwani Bike Rider, किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए इच्छाशक्ति और जुनून का होना बहुत आवश्यक होता है। इन्हीं दोनो का मिश्रण हल्द्वानी के अवनीश राजपाल में बखूबी देखने को मिला। जो 4400 कि.मी. बाइक से सफर तय करके तमिलनाडु पहुंचे। रोमांच के प्रिय व बाइकिंग के शौकीन हल्द्वानी के युवा बाईकर अवनीश
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4400 Km बाइक चलाकर तमिलनाडु पहुंचा हल्द्वानी का ये शख्स, देश भर में फैलाया ये महत्वपूर्ण संदेश

Haldwani Bike Rider, किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए इच्छाशक्ति और जुनून का होना बहुत आवश्यक होता है। इन्हीं दोनो का मिश्रण हल्द्वानी के अवनीश राजपाल में बखूबी देखने को मिला। जो 4400 कि.मी. बाइक से सफर तय करके तमिलनाडु पहुंचे। रोमांच के प्रिय व बाइकिंग के शौकीन हल्द्वानी के युवा बाईकर अवनीश राजपाल ने यह सफर अपने सह यात्री योगेश जोशी के साथ तय किया।

4400 Km बाइक चलाकर तमिलनाडु पहुंचा हल्द्वानी का ये शख्स, देश भर में फैलाया ये महत्वपूर्ण संदेश

अवनीश ने बताया कि इस पूरी यात्रा में उन्होंने भारत के 6 ज्योतिर्लिंग मन्दिर, महाकाल उज्जैन व ओमकारेश्वर (मध्यप्रदेश), घृष्णेश्वर, त्रयंबकेश्वर व भीमाशंकर (महाराष्ट्र) एवं रामेश्वरम (तमिलनाडु) के अलावा साई समाधि स्थल शिरडी, शनि शिंगणापुर पुर आदि के भी दर्शन किए।

“एक भारत मेरा भारत” संदेश के साथ शुरू किया सफर

बता दें कि युवा बाइकर्स एक भारत मेरा भारत का संदेश लेकर 7 सितंबर को अपनी यात्रा पर हल्द्वानी से निकले थे। जिसके बाद वह उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, होते हुए तमिलनाडु पहुंचे हैं। संभवत है कि दोनो इस सप्ताह वापस हल्द्वानी पहुंचेंगे। वही पूर्व में भी अवनीश विश्व शांति, पर्यावरण संरक्षण, रक्तदान जागरूकता, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे कई संदेश लेकर बाइक यात्राएं कर चुके है।

4400 Km बाइक चलाकर तमिलनाडु पहुंचा हल्द्वानी का ये शख्स, देश भर में फैलाया ये महत्वपूर्ण संदेश

बारिश के साथ रोमांचक रहा सफर

अवनीश राजपाल की माने तो इस बार मॉनसून दक्षिण भारत में व मध्य भारत में कुछ देरी से चल रहा है इस कारण उन्हें यात्रा के दौरान बारिश का सामना भी करना पड़ा। जिससे सड़कों पर पानी इत्यादि में थोड़ी समस्याएं रही अन्यथा सफर बेहद रोमांचक रहा। वही योगेश जोशी ने बताया की कहीं-कहीं भाषा की दिक्कत आती है अन्यथा सफर अविस्मरणीय रहा।