बाघ और तेंदुए से नहीं डरता पीलीभीत जिले का ये मोगली, वन अफसर भी हैरान

न्यूज टुडे नेटवर्क, पीलीभीत। जंगल बुक और मोंगली को आप सभी ने खूब पढ़ा व देखा होगा लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व में मोंगली के बारे में। हालांकि, ये जंगली जानवरों के साथ तो नहीं रहता लेकिन बाघ-तेंदुआ व अन्य जंगली जानवरों के सामने आने पर उनसे डरता
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बाघ और तेंदुए से नहीं डरता पीलीभीत जिले का ये मोगली, वन अफसर भी हैरान

न्‍यूज टुडे नेटवर्क, पीलीभीत। जंगल बुक और मोंगली को आप सभी ने खूब पढ़ा व देखा होगा लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व में मोंगली के बारे में। हालांकि, ये जंगली जानवरों के साथ तो नहीं रहता लेकिन बाघ-तेंदुआ व अन्‍य जंगली जानवरों के सामने आने पर उनसे डरता नहीं है। बल्‍कि सभी जानवर उसके सामने आने के बाद उसे निहारकर चले जाते हैं। उस पर आज तक किसी जानवर ने हमला नहीं किया।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व के महोफ रेंज दफ्तर गेट पर के पास बने तालाब में बाघ पानी पीने आता है तो 11 वर्षीय मासूम गोपी किशन पुत्र भगवान दास यहां अपने दादा संग चाय दुकान पर आता-जाता है। वह मरौरी ब्लॉक क्षेत्र के परिषदीय विद्यालय महोफ में कक्षा छह में पढ़ता है पर कोरोना के चलते स्कूलों की छुट़्टी चल रही हैं। ऐसे में वह बाबा चुन्नीलाल की चाय दुकान पर समय का उपयोग कर रहा है। ग्राहकों को चाय बनाकर पिलाता है। साथ ही अपनी पढ़ाई भी करता है।

बोला-अब तक तो किताबों में ही देखा था

गोपी किशन ने कहा कि अभी तक किताबों में ही बाघ के बारे में पढ़ा और देखा था लेकिन अब उसे बाघ के बारे में काफी कुछ जानकारी है। बोला कि तालाब में बाघ रोज पानी पीने आता है। बाकी सभी लोग डरते हैं पर मैं नहीं डरता।

बाघ अंगड़ाई लेता है और चला जाता है

बोला कि बाघ चुपचाप आता है। पानी पीने के बाद एक लंबी अंगड़ाई लेता है। फिर मेरी तरफ निहारता भी है। फिर वापस चला जाता है। गोपी ने बताया तेंदुआ भी आता है यहां।