हल्द्वानी-देवभूमि की इन तीन हस्तियों को मिलेगा पद्यभूषण पुरस्कार, फिर छाया उत्तराखंड

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क-एक बार फिर देवभूमि का नाम रोशन हुआ है। इस बार देवभूमि का नाम रोशन करने में तीन बड़ी हस्तियों का बड़ा योगदान है। इन तीनों को भारत सरकारपद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित करेगी। माउंट एवरेस्ट फतह कर अपने नाम का डंका बजाने वाली उत्तराखंड की बछेंद्री पाल को भारत सरकार पद्मभूषण पुरस्कार से
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हल्द्वानी-देवभूमि की इन तीन हस्तियों को मिलेगा पद्यभूषण पुरस्कार, फिर छाया उत्तराखंड

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क-एक बार फिर देवभूमि का नाम रोशन हुआ है। इस बार देवभूमि का नाम रोशन करने में तीन बड़ी हस्तियों का बड़ा योगदान है। इन तीनों को भारत सरकारपद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित करेगी। माउंट एवरेस्ट फतह कर अपने नाम का डंका बजाने वाली उत्तराखंड की बछेंद्री पाल को भारत सरकार पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित करेगी। वही उत्तराखंड की गायिकी में अपना नाम रोशन करने वाले जागर सम्राट लोकगायक प्रीतम भरतवाण को भारत सरकार पद्मश्री से नवाजेगी। साथ ही नैनीताल के फोटग्राफर अनूप शाह को भी पदमश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगाा। जो देवभ्ूामि उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है।

हल्द्वानी-देवभूमि की इन तीन हस्तियों को मिलेगा पद्यभूषण पुरस्कार, फिर छाया उत्तराखंड

शाह के 350 फोटो हुए पुरस्कृत

भारत सरकार की ओर से उत्तराखंड से गढ़वाली लोक गायक प्रीतम भरतवाण, ऑर्ट फोटोग्राफर अनूप शाह व बछेंद्री पाल को सम्मानित किया जाएगा। इनमें पर्वतारोही बछेंद्री पाल उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले है। जबकि प्रीतम भरतवाण धनौल्टी टिहरी व मशहूर ऑर्ट फोटोग्राफर अनूप शाह नैनीताल के रहने वाले है। प्रतिष्ठित पद्मश्री सम्मान के लिए चयनित जाने माने फोटोग्राफर अनूप साह का पूरा जीवन फोटोग्राफी पर्वतारोहण, पर्यावरण संरक्षण को समर्पित रहा। उनके 3500 से ज्यादा फोटोग्राफ राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में चयनित हुए। करीब 350 फोटो पुरस्कृत हुए।

हल्द्वानी-देवभूमि की इन तीन हस्तियों को मिलेगा पद्यभूषण पुरस्कार, फिर छाया उत्तराखंड

पिता ने दिया था कैमरा

वर्ष 1964 में अपने पिता द्वारा दिए गए कैमरे से शौकिया तौर पर फोटोग्राफी शुरू करने वाले अनूप साह ने फोटोग्राफी शुरू की। इनकी फोटो में पर्वत शिखरों, प्राकृतिक दृश्यों, जीवों, वनस्पतियों, लोक परंपराओं की अधिकता है। साह नैनीताल के सबसे पुराने विद्यालय सीआरएसटी के प्रबंधक भी हैं। उनके पुत्र प्रांजल भी बेहतरीन फोटोग्राफर हैं। उनको आईआईपीसी ने भारत के सर्वश्रेष्ठ फोटोग्राफर का पदक दिया है। शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। यह पुरस्कार उन्होंने हिमालय के संरक्षण की चिंता से जुड़े लोगों को समर्पित किया है। वही अनूप शाह नंदाखाट चोटी के प्रथम विजेता रहे हैं। इसके अलावा सैकड़ों उपलब्धियां उनके नाम है।