उत्‍तर प्रदेश के ये छह शहर सबसे ज्‍यादा प्रदूषित, शासन ने भी माना

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने विधान परिषद में खुद स्वीकार किया गाजियाबाद, नोएडा समेत छह नगरों मुरादाबाद, कानपुर, ग्रेटर नोएडा और बुलंदशहर की एयर क्वालटी इंडेक्स (एक्यूआई) अत्यधिक खराब है। यहां एक्यूआई 3०1 से 4०० के मध्य पाई गई। प्रश्न प्रहर में सपा के शतरुद्र प्रकाश के प्रदूषण संबंधी अल्पसूचित से तारांकित प्रश्न के जवाब
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उत्‍तर प्रदेश के ये छह शहर सबसे ज्‍यादा प्रदूषित, शासन ने भी माना

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने विधान परिषद में खुद स्वीकार किया गाजियाबाद, नोएडा समेत छह नगरों मुरादाबाद, कानपुर, ग्रेटर नोएडा और बुलंदशहर की एयर क्वालटी इंडेक्स (एक्यूआई) अत्यधिक खराब है। यहां एक्‍यूआई 3०1 से 4०० के मध्य पाई गई।

प्रश्न प्रहर में सपा के शतरुद्र प्रकाश के प्रदूषण संबंधी अल्पसूचित से तारांकित प्रश्न के जवाब में राज्य के वन, पयार्वरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि आज पूरी दुनिया पर्यावरण को लेकर चिंतित है। विकास के काम होने की वजह से वायु प्रदूषण होना संभावित है। सरकार इसके नियंत्रण के लिए काम कर रही है।

वन एवं पयार्वरण विभाग के मंत्री ने कहा कि वायु प्रदूषण के मद्देनजर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य के चिन्हित 15 शहरों लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी,  खुर्जा, फिरोजाबाद, प्रयागराज, नोएडा, गाजियाबाद, अनपरा, गजरौला, मुरादाबाद, बरेली, झांसी तथा रायबरेली में वायु प्रदूषण नियंत्रण कार्ययोजना क्रियान्वित है, जिनमें वायु प्रदूषण के प्रमुख श्रोतों से जनित प्रदूषण नियंत्रण के लिए 59 कार्यवाही के बिन्दु निर्धारित हैं।

इनका नियमित अनुश्रवण जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति तथा राज्य स्तर पर प्रमुख सचिव पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अध्यक्षता में गठित एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग कमेटी कर रही है।

उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए कार्ययोजना के लिए क्रियान्वयन के दृष्टिगत सतत् परिवेशीय वायु गुणवत्ता का मापन किए जाने वाले 13 नगरों आगरा, बागपत, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, ग्रेटर नोएडा, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़,  कानपुर, लखनऊ, मुरादाबाद और वाराणसी में से दस नगरों कानपुर वाराणसी,  लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, बागपत, हापुड़, मुजफ्फरनगर और  मेरठ की गुणवत्ता में पीएम-25 प्रचालक की मात्रा वर्ष 2०19 के सापेक्ष वर्ष 2०1० में 1़ 96 से  54़ 64 प्रतिशत तक की कमी आई है।

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि प्रदूषण के प्रमुख श्रोत सड़क की डस्ट,निर्माण एवं विध्वंस गतिविधियों से धूल जनित,वाहनों के उर्त्सन, कूड़ा आदि जलाया जाना आदि हैं। उन्होंने बताया कि  वाराणसी समेत अन्य जिलों में प्रदूषण मापक यंत्र लगाये जा रहे है।