ये हैं खुशबू सुन्दर, जिनके नाम का प्रशंसकों ने मन्दिर भी बना दिया, जानिए इनके बारे में…

न्यूज टुडे नेटवर्क। तमिल फिल्मों की अभिनेत्री खुशबू सुंदर का कभी मन्दिर भी बनाया गया था। फिर उसे तोड़ भी दिया गया। सफल अभिनेत्री के तौर पर खुशबू सुंदर ने फिल्म जगत में धूम मचाई। इसके बाद राजनीति में आकर भी शिखर पर रहीं। तमिल सिनेमा का नामचीन चेहरा खुशबू सुन्दर का जन्म 29 सितंबर 1970
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ये हैं खुशबू सुन्दर, जिनके नाम का प्रशंसकों ने मन्दिर भी बना दिया, जानिए इनके बारे में…

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। तमिल फिल्‍मों की अभिनेत्री खुशबू सुंदर का कभी मन्दिर भी बनाया गया था। फिर उसे तोड़ भी दिया गया। सफल अभिनेत्री के तौर पर खुशबू सुंदर ने फिल्‍म जगत में धूम मचाई। इसके बाद राजनीति में आकर भी शिखर पर रहीं।

तमिल सिनेमा का नामचीन चेहरा खुशबू सुन्‍दर का जन्म 29 सितंबर 1970 को मुंबई में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। नाम रखा गया निकहत खान। उन्होंने अपना नाम खुशबू  रख लिया। उनका कहना था कि घर में परिवार वाले उन्हें प्यार से खुश्बू बुलाया करते थे। बाॉलीवुड फिल्मों से उन्होंने शुरुआत की। द बर्निंग ट्रेन फिल्म में वो एक गाने में नजर आईं थीं। अमिताभ बच्चन, गोविंदा के साथ वो फिल्मों में दिखीं। हिंदी फिल्मों में खास सफलता नहीं मिलने के बाद खुशबू ने दक्षिण भारत का रूख किया और वहां बड़े-बड़े हीरो के साथ काम किया। साउथ में उनका डंका बज गया और उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि तमिलनाडु में उनका मंदिर तक बना दिया गया। तिरूपल्लीचुरा में खुशबू नाम से मंदिर बना दिया गया।

खुशबू ने निर्माता निर्देश सी सुदंर से शादी की जिसके बाद उनके नाम के साथ सुंदर सरनेम जुड़ गया। साल 2012 में एक साड़ी पहनी थी जिसमें श्रीराम श्रीकृण्ण की तस्वीर छपी थी। खूब बवाल मचा और उनसे माफी मांगने को कहा गया। लेकिन खुश्बू ने माफी मांगने से इनकार कर दिया।

साल 2010 में वो राजनीति में आईं। उन्होंने डीएमके ज्वाइन की। चार साल तक डीएमके में रहने के बाद साल 2014 में उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कांग्रेस की सदस्यता ले ली। कहा जाता है कि साल 2019 में टिकट नहीं दिए जाने के बाद वो पार्टी से लगातार नाराज चल रही थीं। हालांकि उन्होंने हमेशा से इन खबरों का खंडन किया। लेकिन एक पत्र खुश्बू सुंदर का खूब सुर्खियों में रहा था।

जब उन्होंने पार्टी के भीतर उच्च स्तर पर बैठे कुछ लोगों की जमीनी हकीकत और सार्वजनिक मान्यता से जुड़ाव का जिक्र करते हुए कहा था कि पार्टी के लिए ईमानदारी से काम करना चाहते थे। उनकी आवाज को दबाया जा रहा है। खुशबू के इस पत्र के साथ ही कांग्रेस ने उन्हें तत्काल प्रभाव से पार्टी के प्रवक्ता पद से हटा दिया है। मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति का खुशबू सुंदर ने समर्थन भी किया था। खुश्बू सुंदर ने 12 अक्टूबर 2020 को भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा।