हल्द्वानी-फिर पतंग बिगाड़ ना दे बड़ी पार्टियों का गणित, दिग्गजों के चेहरे से उड़ी हवाईयां

हल्द्वानी – न्यूज टुडे नेटवर्क- नगर निगम चुनाव में पतंग के चुनाव चिन्ह ने बड़े-बड़े दिग्गजों को चुनौतियां दी है। सोमवार को प्रत्याशियों को सिंबल बंटने के बाद कई तरह के सिंबल बांटे गये। जिनमें पतंग मेयर पद के प्रत्याशी को दी गई। वही कई लोगों को नारियल और घ्ंटी जैसे चुनाव चिन्ह भी मिले।
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हल्द्वानी-फिर पतंग बिगाड़ ना दे बड़ी पार्टियों का गणित, दिग्गजों के चेहरे से उड़ी हवाईयां

हल्द्वानी – न्यूज टुडे नेटवर्क- नगर निगम चुनाव में पतंग के चुनाव चिन्ह ने बड़े-बड़े दिग्गजों को चुनौतियां दी है। सोमवार को प्रत्याशियों को सिंबल बंटने के बाद कई तरह के सिंबल बांटे गये। जिनमें पतंग मेयर पद के प्रत्याशी को दी गई। वही कई लोगों को नारियल और घ्ंटी जैसे चुनाव चिन्ह भी मिले। लेकिन इस बीच सबसे बड़ा खतरा पतंग से माना जा रहा है। वही समाजवादी पार्टी को पतंग का चुनाव चिन्ह दूसरी बार मिला है। पतंग ने बड़ी पार्टियों के दिग्गजों की मुश्किलें बढ़ा दी है। क्योंकि वर्ष 2013 के चुनाव में सपा प्रत्याशी मतीन ने पतंग के दम पर दिग्गजों को कड़ी टक्कर दी थी। वह काफी कम अंतर से हारे थे। जबकि कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी तीसरे स्थान पर रही। मात्र 1409 वोटों से जोगेन्द्र रौतेला को मेयर पद की कमान मिली थी। ऐसे में पतंग दूसरी बार सपा के हाथ लगने से फिर से भाजपा और कांग्रेस में हलचल मच गई है।

हल्द्वानी-फिर पतंग बिगाड़ ना दे बड़ी पार्टियों का गणित, दिग्गजों के चेहरे से उड़ी हवाईयांइस बार शुएब के हाथ में पतंग

वर्ष 2013 के चुनावों में अब्दुल मतीन सिद्दकी सपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में थे। जब उन्होंने विरोधियों को पतंग के बल पर कड़ी टक्कर दी थी। लेकिन इस बार सपा से शुएब अहमद पतंग के साथ मैदान में है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों खेमे में सुबुगाहट पैदा हो गई है। शुएब के सामने अब पतंग को ऊंजा उड़ाने की परीक्षा है। ऐसे में अगर शुएब पतंग को ऊंचा उड़ा देते है तो विपक्षी पार्टियां चारों खाने चित्त जायेगी। हालांकि सपा के पिछले प्रत्याशी रहे मतीन अब कांग्रेस के पक्ष में है। इससे भी वोट बैंक गड़बड़ायेगा। वही बड़ी पार्टियों में इस बार खूब बागवती बिगुल बजे लेकिन बाद मैं सब मैनेज कर लिया है। फिर भी अंदरखाने हलचल तो है ही। ऐसे में मौके में शुएब पतंग उड़ाने में सफल साबित हो सकते है। फिलहाल ये तो मतदान के बाद ही पता चल पायेगा कि किसी पतंग ऊंची उड़ती है।