किसान के घर के आंगन में आराम करता रहा बाघ, सहमे परिवार ने ऐसे बचाई जान
न्यूज टुडे नेटवर्क। जंगल से खेतों के रास्ते गांव में पहुंचा एक बाघ किसान के घर में छिपकर बैठ गया। बाघ कुछ देर बाद निकलकर घर के आंगन में चहलकदमी करने लगा। जब घर में किसान ने बाघ देखा तो पूरे परिवार की हालत खराब हो गई। किसी तरह किसान के परिवार ने कमरे के भीतर खुद को बंद करके जान बचाई। शाहगढ़ क्षेत्र में झाड़ियों से निकलकर बाघ मनिया खुर्द के एक किसान के घर में घुस गया। घर के कमरे में बंद परिवार ने शोर मचाया तो आसपास के ग्रामीण पहुंच गए। शोर और लोगों के आने की आहट पाकर बाघ वहीं छिप कर बैठ गया। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने उसे बाहर निकाला और काफी दूर तक पीछा किया।
दरअसल पीलीभीत टाइगर रिजर्व से सटे गांवों में अक्सर बाघ निकलकर खेतों में आ जाते हैं। कई बाद गांवों के भीतर भी पहुंच जाते हैं। अमूमन सूर्यास्त के बाद बाघ सैर करने निकलता है। शुक्रवार शाम को भी शाहगढ़ क्षेत्र में बिहारी पुर के पास झाड़ियों में बाघ बैठा देखा गया था। रात में कोलाहल कम होने पर बाघ झाड़ियों से निकलकर पीलीभीत हाइवे की ओर गया। सामाजिक वानिकी के एसडीओ हेमंत कुमार ने उसका पीछा किया लेकिन अंधेरा बढ़ते ही वह गायब हो गया।
देर रात बाघ मनिया खुर्द के किसान सर्वजीत सिंह के घर में घुस गया। उनके परिजनों ने खुद को कमरे में बंद कर बमुश्किल जान बचाई। शोर-शराबा करने पर बमुश्किल बाघ घर से निकला। शनिवार सुबह सर्वजीत ने वन विभाग को घर में बाघ घुसने के बारे में बताया। मौके पर पूरनपुर और बीसलपुर रेंजर पहुंचे तो सर्वजीत के घर में टाइगर के पंजे के निशान मिले।
हैरत की बात यह थी कि इस बार टाइगर ने घर के आंगन में अपने पंजों के अंदर छुपे हुए नाखून भी बाहर निकाले और घर में कई जगह अपने पंजों से निशान बना दिए। सर्वजीत के फार्म से टीम ने जब खोजना शुरू किया तो वहां से लगभग 6 किलोमीटर आगे गोमती गुरुद्वारे के पीछे हाकिम सिंह के फार्म पीछे गोमती नदी की घाट पर नरकुल के बीच में टाइगर के पग मार्ग मिले।
वन विभाग की टीम भी यहां डेरा डाले हुए है। उसे बेहोश कर पकड़ने की रणनीति बनाई जा रही है। पिछले 45 दिन से पूरनपुर और बीसलपुर रेंज सहित पीलीभीत सामाजिक वानिकी की रेंज के कर्मचारी अपने कार्य का निर्वहन ईमानदारी और मेहनत से कर रहे हैं। निगरानी कर रही टीम में पूरनपुर रेंजर अयूब हसन खान, बीसलपुर रेंजर वजीर हसन खान, वन दरोगा शेर सिंह, एसपी वर्मा, अजमेर सिंह, मोहनलाल रस्तोगी, कन्हैया लाल, ततीर खान, सुरेश, वन प्रेमी ठाकुर अतुल सिंह, हरविंदर सिंह मान, डब्लूटीआई से पालो, सुशांत, समीर, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ से प्रेम चंद्र मोरिया इस ऑपरेशन में सरकारी अमले के साथ साथ कई वन प्रेमी और वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर भी मौजूद हैं।