हल्द्वानी- इन महिला बॉक्सर के पंच ने दिलाया उत्तराखंड को मान, लेकिन जानिए सरकार से क्यूं है परेशान

Uttarakhand Sports News, बॉक्सिंग में देश भर की खिलाड़ियों को धूल चटा चुकी देवभूमी की कई महिला बॉक्सर आज सरकार की लचर व्यवस्था से जूंझ रही है। हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान, गोआ की दिग्गज खिलाड़ियों को अपने एक मुक्के में गिरा देने वाली ये महिला बॉक्सर एक साल से अपनी जीत की राशी के इंतजार में
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हल्द्वानी- इन महिला बॉक्सर के पंच ने दिलाया उत्तराखंड को मान, लेकिन जानिए सरकार से क्यूं है परेशान

Uttarakhand Sports News, बॉक्सिंग में देश भर की खिलाड़ियों को धूल चटा चुकी देवभूमी की कई महिला बॉक्सर आज सरकार की लचर व्यवस्था से जूंझ रही है। हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान, गोआ की दिग्गज खिलाड़ियों को अपने एक मुक्के में गिरा देने वाली ये महिला बॉक्सर एक साल से अपनी जीत की राशी के इंतजार में है। खिलाड़ियों की माने तो 2018 में हरियाणा के रोहतक में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में गोल्ड जीतने के बाद भी सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि अभी तक नहीं दी गई, जिससे खिलाड़ियों को आगे की तैयारी करने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

हल्द्वानी- इन महिला बॉक्सर के पंच ने दिलाया उत्तराखंड को मान, लेकिन जानिए सरकार से क्यूं है परेशान

हल्द्वानी में के शिवालिक स्कूल में आयोजित राज्यस्तरीय सीनियर वोमेन प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने पहुंची हेमा दानू निवासी बागेश्वर ने बताया कि कड़े परिश्रम व तमाम दिक्कतों का सामने करने के बाद वह बॉक्सिंग के आज इस मुकाम में पहुंची हैं। हेमा ने बताया कि वह अभी तक 6,7 राष्ट्रीय व 20 स्टेट बॉक्सिंग चैम्पियन्शिप खेल चुकी है। जिसमें 2018 में उन्होंने कर्नाटक और राजस्थान को हराया। इसके अलावा हरियाणा के रोहतक में हुई चैम्पियन्शिप में उन्होंने सिलवर मेडल अपने नाम किया। हेमा की माने तो उत्तराखंड सरकार ने मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए प्रोत्साहन राशि का प्रावधान रखा है।

खिलाड़ियों ने सरकार से की शिकायत

जो कि मेडल मिलने के एक साल के बाद भी उनको नहीं मिली है। हेमा के अवाला ब्रॉन्ज मेडल विजेता कविता अधिकारी, सपना बिष्ट, नीमा कोश्यारी की भी सरकार से यही शिकायत है। इन सब की माने तो ऐसी कई स्टेट चैपिंशिप में अपना लोहा मनवाने के बाद भी सरकार का इनकी ओर कोई ध्यान नहीं है। सरकार कभी भी समय पर प्रोत्साहन राशि उपलब्ध नहीं कराती। इतना ही नहीं 2018 में जीते गए मेडल की राशी आज तक नहीं मिली है।

हल्द्वानी- इन महिला बॉक्सर के पंच ने दिलाया उत्तराखंड को मान, लेकिन जानिए सरकार से क्यूं है परेशान

राष्ट्रीय खिलाड़ी होने के नाते हेमा बताती है कि खिलाड़ियों को अपने खेल को और भी बेहतर बनाने के लिए निरंतर अभ्यास करना जरुरी है। लेकिन अभ्यास के लिए सही ट्रेनिंग व पर्याप्त उपकरणों की कमी के कारण कई खिलाड़ी आगे नहीं बड़ पाते। साथ ही पैसो की कमी के चलते सही डाईट उनके शरीर को नहीं मिलती। ऐसे में सरकार को ऐसे खिलाड़ियों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए सभी महत्वपूर्ण जरूरतों का ध्यान रखना चाहियें। जिससे वह आगे जाकर प्रदेश व देश का नाम रोशन कर सकें।

बजट की कमी के कारण नहीं मिली प्रोत्साहन राशी

वही खिलाड़ियों की शिकायत पर उत्तराखंड खेल के संयुक्त सचिव धर्मेंद्र भट्ट ने कहा कि 2018 में वीजय खिलाड़ियों की प्रोत्साहन राशि जल्द ही उन्हें मिल जाएगी। उनकी माने तो प्रोत्साहन राशि के प्रावधान रखने के बाद से प्रदेश में मेडल लाने वाले खिलाड़ियों की संख्या में भारी इजावा हुआ है। जिसके चलते सरकार के पास बजट की कमी होने के कारण खिलाड़ियों को समय पर राशि नहीं उपलब्ध हो रही।

हल्द्वानी- इन महिला बॉक्सर के पंच ने दिलाया उत्तराखंड को मान, लेकिन जानिए सरकार से क्यूं है परेशान

संयुक्त सचिव की माने तो प्रदेश में महिला बॉक्सर्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही है। जिसके लिए सरकार अलग-अगल ऐज ग्रुप के अनुसार विभिन्न बॉक्सिंग प्रतियोगितायें आयोजित कर रही है। जिसमें जीते हुए खिलाड़ियों को सरकार अपने कॉलेजों में ट्रेन करती है। उत्तराखंड में ऐसे तीन कॉलेज पिथौरागढ़, चम्पावत और टनकपुर में है। वही महिला खिलाड़ियों को बढ़ावा देने और उनके खेल में और सुधार के लिए सरकार महिला कोच की भर्ती कर रही है।