नवजात बच्ची को किसी ने जन्म देकर फेंका, जिसे मिली उसने लड्डू बांटे और पहुंच गई पुलिस

न्यूज़ टुडे नेटवर्क, बरेली। जन्म के बाद ही नवजात बच्ची को किसी ने निष्ठुरता की सारी हदें पार कर दीं। कड़ाके की सर्दी में नंगे बदन सरसों के खेत में उसे फेंक दिया। मासूम घंटों तक जिंदगी और मौत के बीच जूझती रही। आखिरकार जिंदगी के आगे मौत को हारना पड़ा। सिरौली के गांव हरदासपुर
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नवजात बच्ची को किसी ने जन्म देकर फेंका, जिसे मिली उसने लड्डू बांटे और पहुंच गई पुलिस

न्यूज़ टुडे नेटवर्क, बरेली। जन्म के बाद ही नवजात बच्ची को किसी ने निष्ठुरता की सारी हदें पार कर दीं। कड़ाके की सर्दी में नंगे बदन सरसों के खेत में उसे फेंक दिया। मासूम घंटों तक जिंदगी और मौत के बीच जूझती रही। आखिरकार जिंदगी के आगे मौत को हारना पड़ा।

सिरौली के गांव हरदासपुर के राजमिस्त्री वीरेंद्र सोमवार शाम काम से घर लौट रहे थे। इसी दौरान उन्हें लघुशंका लगी। वह खेत के करीब जाकर लघुशंका करने लगे। इसी दौरान बच्ची के रोने की आवाज आई। वह खेत के अंदर घुसे तो उनकी नजर नवजात पर पड़ी। बच्ची नंगे बदन पौधों के बीच में पड़ी थी। ठंड में उसका बदन नीला पड़ने लगा था। यह नजारा देख विरेंद्र अंदर से हिल गए। आसपास कोई नजर नहीं आया तो वीरेंद्र ने बच्ची को उठाकर अपनी जैकेट में ढक लिया। उसे संभाल कर घर ले आए।

शायद उन्हें लघुशंका न लगती तो बच्ची की कुछ ही देर में जान भी जा सकती थी। इधर बच्ची के घर आते ही गांव में खबर फैल गई। नवजात बच्ची को देखने के लिए लोग वीरेंद्र के घर पहुंचने लगे। इस बीच किसी ने फोन पर पुलिस को सूचना दे दी जिसके बाद मंगलवार सुबह पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया और बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉक्टर डी एन शर्मा को भी सूचना दे दी।

डॉक्टर शर्मा ने पुलिस और जिला अस्पताल के स्टाफ को निर्देश दिया कि बच्ची के पूरी तरह स्वस्थ होने तक उसे अस्पताल में रखा जाए। बच्ची का वजन अभी 2 किलो है। अब उसकी हालत खतरे से बाहर है।

वीरेंद्र की पत्नी ने पिलाया बच्ची को अपना दूध

नवजात को उसकी सगी मां ने तो ठुकरा दिया मगर कुछ घंटों में ही वीरेंद्र और उसकी पत्नी कमलेश के रूप में नए माता-पिता उसे मिल गए थे। बच्ची भूख से तड़प रही थी। यह देख वीरेंद्र की पत्नी कमलेश ने उसे अपना दूध पिलाया। वीरेंद्र कमलेश का छोटा बेटा अभी डेढ़ साल का है। बाकी तीन बेटे और हैं लेकिन बेटी नहीं है। पुलिस के आने के बाद बच्ची की चाहत में दोनों जिला अस्पताल पहुंचे। उन्हें लगा कि बच्ची ठीक होने के बाद उन्हें मिल जाएगी लेकिन बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉक्टर डीएन शर्मा ने बताया कि वीरेंद्र और कमलेश बच्ची को लेना चाहते हैं लेकिन बच्ची उन्हें नहीं दी जा सकती। कानूनी प्रक्रिया के तहत ही बच्ची को दिया जा सकता है।