हल्द्वानी-एस्टबलिशमेंट एक्ट को लेकर दूसरे दिन भी अस्पताल बंद , ये मांगेंं मानी जाएं तो सेवाएं देने को तैयार डाक्टर

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क-क्लीनिकल एस्टबलिशमेंट एक्ट को लेकर दूसरे दिन भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के स्वत: बंदी जारी रही। जिस कारण आज भी सैकड़ों मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। क्लीनिकल एस्टेबलिशमेंट एक्ट का आईएमए विरोध कर रही है। आईएमए पदाधिकारियों का कहना है कि सीईए लागू होने के बाद इलाज 30 प्रतिशत तक महंगा
 | 
हल्द्वानी-एस्टबलिशमेंट एक्ट को लेकर दूसरे दिन भी अस्पताल बंद , ये मांगेंं मानी जाएं तो सेवाएं देने को तैयार डाक्टर

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क-क्लीनिकल एस्टबलिशमेंट एक्ट को लेकर दूसरे दिन भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के स्वत: बंदी जारी रही। जिस कारण आज भी सैकड़ों मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। क्लीनिकल एस्टेबलिशमेंट एक्ट का आईएमए विरोध कर रही है। आईएमए पदाधिकारियों का कहना है कि सीईए लागू होने के बाद इलाज 30 प्रतिशत तक महंगा हो जाएगा। आज भी शहर के कई अस्पताल बंद रहे। तीमारदार अपने मरीजों को लेकर इधर-उधर भटकते नजर आये। वही डाक्टरो ने पहले से भर्ती हुए मरीजों को देखा। वही सभी लोगों ने निर्णय लिया कि आईएमए की ओर से पूर्व में दिये गए संशोधन को जब तक सरकार साीईए में शामिल नहीं करती तब तक स्वत: बंद जारी रहेगा।

हल्द्वानी-एस्टबलिशमेंट एक्ट को लेकर दूसरे दिन भी अस्पताल बंद , ये मांगेंं मानी जाएं तो सेवाएं देने को तैयार डाक्टर

इस प्रारूप पर अध्यादेश जारी करने की मांग

आज हल्द्वानी के लगभग सभी डॉक्टर मौजूद थे। इस दौरान डा. अनिल अग्रवाल, डा. डीसी पंत, डा. मोहन सती और डा.आरए केडिया ने सभा में मौजूद सभी सदस्यों के साथ बिन्दुओं पर गहन अध्ययन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मुख्य मांग नहीं मानी जाती स्वत: बंदी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि शासन में संशोधित उत्तराखंड हैल्थ केयर एस्टेबलिशमेंट कई वार्ताओं के बाद इसका प्रारूप शासन को उपलब्ध करा दिया गया है। अगर इसमें से कोई प्रारूप को स्वीकार कर अध्यादेश या कुछ करती है तो हम अपनी सेवाएं देने को तैयार है।