हल्द्वानी-मां की अर्थी को बेटियों ने दिया कन्धा , बेटों की तरह निभाई जिम्मेदारी

मां की मृत्यु पर आज बेटियों ने वो काम किया जिसे करने का अधिकार सामाजिक मान्यताओं के अनुसार केवल बेटों को ही होता है इन सामाजिक रुढ़ियों और विडंबनाओं को नकारते हुए दो बेटियों ने बेटों की तरह सभी धार्मिक क्रियाओं को करते हुए श्मशान घाट में अपनी माॅ की चिता को आग दी। आज
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हल्द्वानी-मां की अर्थी को बेटियों ने दिया कन्धा , बेटों की तरह निभाई जिम्मेदारी

मां की मृत्यु पर आज बेटियों ने वो काम किया जिसे करने का अधिकार सामाजिक मान्यताओं के अनुसार केवल बेटों को ही होता है इन सामाजिक रुढ़ियों और विडंबनाओं को नकारते हुए दो बेटियों ने बेटों की तरह सभी धार्मिक क्रियाओं को करते हुए श्मशान घाट में अपनी माॅ की चिता को आग दी। आज इन बेटियों ने समाज को बता दिया कि परंपराओं से अलग भी एक दुनिया होती है उन्होने न सिर्फ अपनी मां की चिता को आग दी बल्कि मा की अर्थी को भी कन्धा दिया।

हल्द्वानी-मां की अर्थी को बेटियों ने दिया कन्धा , बेटों की तरह निभाई जिम्मेदारी

सूचना के अनुसार हल्द्वानी के श्रीपुरम कालोनी में रहने वाले शंकर दत्त जोशी जोकि रोडवेज में कार्यरत हैं। उनकी दो बेटियां है एक का नाम हिमानी भट्ट जिसकी शादी हो चुकि है और दूसरी का नाम दीक्षा है जो दिल्ली में जाॅब करती है उनकी 55 वर्षीय माता चित्रा जोशी का मंगलवार की रात को निधन हो गया। जैसे ही दोनों बेटियों ने अपनी माॅ की निधन की खबर सुनी तो दोनों हल्द्वानी आ गईं। बेटियों का सहोकदर भाई नही था जिस कारण बेटियों ने ही स्वयं ही अंतिम यात्रा के कार्यक्रमों को करने का निर्णय ले लिया।