भारतीय संस्कृति का विदेश में डंका बजवाने वाले बरेली में जन्मे प्रोफेसर हरिशंकर का निधन, जानिए इनके बारे में…

न्यूज टुडे नेटवर्क। बरेली में जन्मे कनाडा निवासी साहित्यकार प्रोफेसर हरिशंकर आदेश नहीं रहे। उनका कनाडा में भारतीय समय अनुसार 28-12 -2020 को हृदय गति रुकने से निधन हो गया। उनका जन्म 7 अगस्त, 1936 को बरेली में हुआ था। उन्होंने हिन्दी, संस्कृत और संगीत में एम.ए., बी.टी., साहित्याचार्य, साहित्यालंकार, साहित्य रत्न, विद्या वाचस्पति, संगीत
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भारतीय संस्कृति का विदेश में डंका बजवाने वाले बरेली में जन्मे प्रोफेसर हरिशंकर का निधन, जानिए इनके बारे में…

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। बरेली में जन्मे कनाडा निवासी साहित्यकार प्रोफेसर हरिशंकर आदेश  नहीं रहे। उनका कनाडा में भारतीय समय अनुसार  28-12 -2020 को  हृदय गति रुकने से निधन हो गया। उनका जन्म 7 अगस्त, 1936 को बरेली में हुआ था। उन्होंने हिन्दी, संस्कृत और संगीत में एम.ए., बी.टी., साहित्याचार्य, साहित्यालंकार, साहित्य रत्न, विद्या वाचस्पति, संगीत विशारद, संगीताचार्य इत्यादि की विद्या प्राप्त करने के पश्चात काश्मीर में हिन्दी व संगीत का अध्यापन किया।

बाद में ट्रिनिडाड में भारत के सांस्कृतिक दूत के रूप में नियुक्त हुए। वहां पर उन्‍होंने भारतीय विद्या संस्थान की नींव रखी जिसकी शाखायें आज भी कई अन्य देशों में हैं। उनके निधन पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद ब्रज प्रांत ने गंगापुर स्थित  प्रांतीय संयुक्त मंत्री  रोहित राकेश के निवास पर एक शोक सभा आयोजित कर उन्‍हें श्रद्धांजलि दी। अभा साहित्य परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष “साहित्य भूषण” सुरेश बाबू मिश्रा ने कहा कि संगीत व साहित्य समागम का एक दीप्तमान सूर्य अस्त हो गया। भारतरत्न सहित सैकड़ों सम्मान सहित महाकवि की उपाधि प्राप्त प्रोफेसर हरि शंकर की जीवन उपलब्धियों के लिए कई विश्विद्यालयों में उनके कृतित्व पर शोध चल रहे हैं।

ऋतुराज बॉस ने भी उन्‍हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि प्रो. आदेश का नाथ नगरी बरेली से गहरा नाता रहा है। प्रांतीय संयुक्त मंत्री  रोहित राकेश ने बताया कि  बहुमुखी प्रतिभाशाली महाकवि प्रो.हरिशंकर आदेश को अनेकों पुरस्कारों व अलंकारों से सम्मानित किया जा चुका है। प्रो. आदेश अभी तक 180 से अधिक पुस्तकें लिख चुके हैं। शोक सभा में उमेश गुप्ता, डॉ रवि प्रकाश शर्मा,रवि बॉस, प्रमोद अग्रवाल, डॉ एस पी मौर्य आदि उपस्थित रहें।