उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’, जानिए क्या है वजह

मुबंई-न्यूज टुडे नेटवर्क : बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर की पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के ऊपर बनी फिल्म ‘द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के राजनीतिक जीवन पर बनी फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ शुक्रवार को रिलीज हुई। ट्रेलर रिलीज होने के बाद जैसा हो-हल्ला मचाया गया था फिल्म वैसा कुछ भी
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उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’, जानिए क्या है वजह

मुबंई-न्यूज टुडे नेटवर्क :  बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर की पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के ऊपर बनी फिल्म ‘द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के राजनीतिक जीवन पर बनी फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ शुक्रवार को रिलीज हुई। ट्रेलर रिलीज होने के बाद जैसा हो-हल्ला मचाया गया था फिल्म वैसा कुछ भी नया नहीं है। साफ शब्दों में कहें तो बेहद ही कमजोर फिल्म है। फिल्म में वही है, जैसा लगभग उस समय सरकार को लेकर धारणा थी। फिल्म में सोनिया गांधी पर निशाना साधा गया है।

सत्ता के दो केंद्र हैं, पीएम पर एक परिवार का पार्टी का दबाव है, गठबंधन की मजबूरियां हैं। ये बात लगभग हर जुबान पर थीं। राहुल गांधी जो उस समय पार्टी उपाध्यक्ष थे, उन्होंने मनमोहन सिंह कैबिनेट के अध्यादेश के फैसले को फाड़ा था, ये देश ने टेलीविजन पर देखा।मनमोहन सिंह दूसरे कार्यकाल में लगातार कमजोर होते चले गए। पहले कार्यकाल के बाद उन्हें  ‘Singh is King’ कहा जाता था, लेकिन बाद में उन्हें अंदर ही अंदर कमजोर किया जाता रहा। फिल्म में भी ऐसा ही दिखाया गया है।

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फिल्म में कोई गाना नहीं 

दर्शको के लिहाज से कहे तो यह फिल्म फैमिली के लायक तो बिल्कुल नहीं है। यह केवल उन लोगों के लिए ही जो थोड़ा- बुहत राजनीतिक रूचि रखते हों वही इसे देख सकते हैं। फिल्म में कोई गाना नहीं है और पूरी कहानी बिखरी हुई है और कई बार यह एक पॉलिटिकल डाक्यूमेंट्री टाइप की लगती है। यह फिल्म प्रोडक्शन से लेकर ट्रीटमेंट के लिहाज से भी निराश करती है।

अक्षय खन्ना और अनुपम खेर के इर्द गिर्द घूमती है फिल्म

पूरी फिल्म में अक्षय खन्ना और मनमोहन सिंह का किरदार निभा रहे अनुपम खेर के आस- पास घूमती है। ऐसा लगता है मानों फिल्म में हीरो अक्षय खन्ना ही हैं, क्योंकि कई मौको पर ऐसा लगता है संजय बारू हर चीज अपने मुताबिक चाहते हैं और स्वंय ही वह पीएमओ को चलाना चाहते हैं। फिल्म, किताब लिखने वाले संजय बारू के लिए ज्यादा अच्छी कही जा सकती है। देश के सामने उनका पक्ष ज्यादा बेहतरीन तरीके से आ सका।

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सोनिया के पीएम पद छोडऩे के साथ शुरू होती है फिल्म

फिल्म की कहानी साल 2004 में सोनिया गांधी द्वारा पीएम पद छोडऩे के साथ शुरू होती है। इसके बाद सोनिया द्वारा मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाए जाने का फैसला करती है। प्रधानमंत्री पद की शपथ लेते ही फिल्म संजय बारू की एंट्री होती है। बारू इस फिल्म में मनमोहन सिंह के सबसे खास लोगों में होते है। खास होने की वजह बारू मनमोहन सिंह उन्हें मीडिया एडवाइजर बनाने का ऑफर देते है और बारू उनके इस बात पर हामी भरते हुए पीएम के मीडिया सलाहकार बन जाते है।

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शानदार अभिनय

मनमोहन सिंह का कैरेक्टर कई मौकों पर फिल्म में कॉमेडियन जैसा एहसास देता है। अक्षय खन्ना और अनुपम खेर की अच्छी मेहनत है।अनुपम खेर, अक्षय खन्ना, विपिन शर्मा, सुजैन बर्नर्ट, अर्जुन माथुर और अहाना कुमार ने अच्छा काम किया है।