कविता-तेरे हैं निराले रंग

उत्तराखंड के लोकप्रिय वेब पोर्टल न्यूज टुडे नेटवर्क की ओर से स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आॅनलाइन कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसमें बाल, युवा और वरिष्ठ सभी वर्गों के लोग प्रतिभाग कर सकते हैं। प्रतियोगिता में मेरे प्यारे वतन विषय पर देशभक्ति से ओत.प्रोत स्वरचित कविता लिखकर 20 अगस्त तक भेजनी है। इसके तहत बाराकोट चंपावत से संतोषी अधिकारी की शानदार कविता पढ़िए-

ऐ मेरे प्यारे वतन, तेरे हैं निराले रंग
तेरी प्रकृति में चंचलता समायी है,
सबके मन को भायी है,
तुझ पर दिल कुरबान है
तू ही मेरी जान है।
ऐ मेरे प्यारे वतन भारत माता तेरे संग,
तेरे शीर्ष हिमालय से निकली नदियां,
जन्नत को लुभाती है,
खेत-खलिहानों फसलों की लहलहाट
सबके मन को भाति है,
देवभूमि, काशी, उज्जैन, नासिक
तेरे ही उपनाम हैं।
तू ही सुंदर तू ही अद्भुत
तेरे को सलाम है।
