टिहरी-गहरी नींद में थी मां-बेटी तभी भरभराकर गिर गया मकान, अंधेरे में चीख-पुकार सुन दौड़ा पूरा गांव

टिहरी-लॉकडाउन के बीच लोग घरों पर रहकर कोरोना से अपना बचाव कर रहे है। ऐसे में अगर घर पर ही मौत मिल जाय तो कितना दुखद है। आज तडक़े देवप्रयाग बस स्टेशन के बाद एक गांव में पुराना मकान ढह गया। जिससे मां की मौत हो गई जबकि बेटी को लोगों ने सुरक्षित निकाल लिया।
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टिहरी-गहरी नींद में थी मां-बेटी तभी भरभराकर गिर गया मकान, अंधेरे में चीख-पुकार सुन दौड़ा पूरा गांव

टिहरी-लॉकडाउन के बीच लोग घरों पर रहकर कोरोना से अपना बचाव कर रहे है। ऐसे में अगर घर पर ही मौत मिल जाय तो कितना दुखद है। आज तडक़े देवप्रयाग बस स्टेशन के बाद एक गांव में पुराना मकान ढह गया। जिससे मां की मौत हो गई जबकि बेटी को लोगों ने सुरक्षित निकाल लिया। पूरा मामला घटल गांव का है। जहां आज तडक़े सुबह चार बजे एक मकान भरभराकर गिर गया। हादसे में 80 साल की नकटी देवी पत्नी स्व. बसंत सिंह , 48 साल की तलाकशुदा बेटी पीतांबरी दब गई।

टिहरी-गहरी नींद में थी मां-बेटी तभी भरभराकर गिर गया मकान, अंधेरे में चीख-पुकार सुन दौड़ा पूरा गांव
जिस समय हादसा हुआ उस समय मां-बेटी गहरी नींद में सो रहे थे। जैसे ही मकान गिरा बड़ी तेज आवाज के साथ ग्रामीणों की नींद खुल गई। आवाज सुनते ही ग्रामीण मौके की ओर दौड़े और रेस्क्यू शुरू किया। इस बीच पुलिस को भी सूचना दे दी गई। सूचना पर देवप्रयाग थाना प्रभारी महिपाल सिह रावत पुलिस फोर्स तत्काल मौके पर पहुंची और रेस्क्यू में जुट गई।

पुलिस व मौजूद लोगों द्वारा मलबे से पीतांबरी को सुरक्षित निकाल लिया गया। बुजुर्ग महिला नकटी देवी के पठालों व लकड़ी के भारी मलबे में दबी थी। उसे करीब चार घंटे में निकाला जा सका। लेकिन तब तक बुजुर्ग महिला की मौत हो चुकी थी। महिला का बेटा लखपत सिंह व पिताबर सिंह घटना के समय थोड़ी दूर स्थित दूसरे मकान में थे। महिला के पति का पहले ही देहांत हो चुका है। ग्रामप्रधान बबली भट्ट ने सरकार से पीडि़त परिवार को राहत दिए जाने की मांग की।