हल्द्वानी-चाय और अखबार बेचने वाले भी बने पार्षद, दोनों के निकल पड़े जीत के आंसू

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क– निकाय चुनाव के परिणाम में मेयर से लेकर पार्षद प्रत्याशियों तक दिलचस्प मुकाबले देखने को मिले। कई निर्दलियों ने पार्टियों के प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर दी। इनमें से दो पार्षद प्रत्याशी बड़े खास थे एक निर्दलीय प्रत्याशी धमवीर जो वार्ड नंबर तीन से और दूसरे चन्द्रशेखर कांडपाल जो वार्ड नंबर 54 से
 | 
हल्द्वानी-चाय और अखबार बेचने वाले भी बने पार्षद, दोनों के निकल पड़े जीत के आंसू

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क– निकाय चुनाव के परिणाम में मेयर से लेकर पार्षद प्रत्याशियों तक दिलचस्प मुकाबले देखने को मिले। कई निर्दलियों ने पार्टियों के प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर दी। इनमें से दो पार्षद प्रत्याशी बड़े खास थे एक निर्दलीय प्रत्याशी धमवीर जो वार्ड नंबर तीन से और दूसरे चन्द्रशेखर कांडपाल जो वार्ड नंबर 54 से चुनाव मैदान में थे। इन दोनों प्रत्याशियों ने केवल अपने व्यवहार के दम पर सीट निकाल ली। इन दिनों ने बड़े नेताओं को आइना दिखाने का काम किया। एक तरफ चन्द्रशेखर कांडपाल अखबार बांटकर अपने परिवार का गुजारा करते है तो वहीं दूसरी ओर डेविड यानी धर्मवीर चाय बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते है। लेकिन इन दोनों प्रत्याशियों ने अपने वार्ड में जीतकर सबको चौका दिया। हालांकि चद्रशेखर कांडपाल को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया था लेकिन डेविड निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में कूदे थे। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों को हराकर जीत हासिल करना उनके लिए कड़ी चुनौती थी लेकिन अपने व्यवहार के दम पर डेविड ने जीत का डंका बजा दिया।

हल्द्वानी-चाय और अखबार बेचने वाले भी बने पार्षद, दोनों के निकल पड़े जीत के आंसू

वार्ड का विकास दोनों का पहला लक्ष्य

गौरतलब है कि डेविड ने ऐतिहासिक डीके पार्क को आबाद किया। जिसके बाद से वह शहर में छा गये। वहीं चन्द्र शेखर कांडपाल ने शहर में अखबार बांटने का काम किया जिससे उनका जुड़ाव कालोनी के अलावा शहरभर के लोगों से भी रहा। जहां एक ओर डेविड ने अपने विपक्षी भाजपा के विनोद तिवारी को पटखनी दी। वही दूसरी ओर चन्द्रशेखर कांडपाल ने अपने प्रतिद्धदी हरेन्द्र बिष्ट को हरा दिया। जिसके बाद लोग दोनों की जमकर तारीफ कर रहे है। डेविड को 481 वोट मिले जबकि विनोद तिवारी को 469 पर ही संतोष करना पड़ा। वही दूसरी ओर चन्द्रशेखर कांडपाल को 1192 वोट मिले जबकि विपक्षी हरेन्द्र बिष्ट को 1148 में ही ढेर हो गये। इन दोनों से जुड़े बड़े नेताओं को आइना दिखाना का काम किया। जीत के बाद जैसे ही लोगों ने दोनों का फूलमालाओं से स्वागत किया तो दोनों को आंखों से आसू निकल पड़े। दोनों का कहना है कि वह अपने क्षेत्र में समग्र विकास करेंगे। वही स्ट्रीट लाइट से लेकर साफ-सफाई और अन्य विकास के कार्य करेंगे।