स्वतंत्र हैं हम?

उत्तराखंड के लोकप्रिय वेब पोर्टल न्यूज टुडे नेटवर्क की ओर से स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आॅनलाइन कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसमें बाल, युवा और वरिष्ठ सभी वर्गों के लोग प्रतिभाग कर सकते हैं। प्रतियोगिता में मेरे प्यारे वतन विषय पर देशभक्ति से ओत.प्रोत स्वरचित कविता लिखकर 20 अगस्त तक भेजनी
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स्वतंत्र हैं हम?

उत्तराखंड के लोकप्रिय वेब पोर्टल न्यूज टुडे नेटवर्क की ओर से स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आॅनलाइन कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसमें बाल, युवा और वरिष्ठ सभी वर्गों के लोग प्रतिभाग कर सकते हैं। प्रतियोगिता में मेरे प्यारे वतन विषय पर देशभक्ति से ओत.प्रोत स्वरचित कविता लिखकर 20 अगस्त तक भेजनी है। इसके तहत पीएसएन सीनियर सेकेंडरी स्कूल हल्द्वानी की छात्रा माहीश्री मित्तल की शानदार कविता पढ़िए-

इतने साल बीते आजादी को ,
पर स्वतंत्र अभी हम हुए नहीं…
लक्ष्मीबाई वीर वीरांगना के देश में,
अब भी स्त्री का मान नहीं…

सत्ता से चिपके रहते हैं ,
पैसों के लालच में रहते हैं, कुछ नेता हमारे आज भी…

राम या रावण पहचानना पाती ,
जनता हमारी आज भी…

भगत सिंह जैसे वीरों को, हम उग्रवादी कहने लगे…

कहने को तो आजाद हैं हम,
पर देश -धर्म पर लड़ते रहे…