SRMS University Bareilly: अब एसआरएमएस यूनिवर्सिटी के नाम से बरेली को जानेगी दुनिया: देवमूर्ति
एसआरएमएस यूनिवर्सिटी (SRMS University Bareilly): मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा विश्वविद्यालय बनाने का आशय पत्र मिलने के बाद एसआरएमएस ट्रस्ट के चेयरमैन देवमूर्ति (SRMS Trust Chairman Devmurti) ने सभी सहयोगियों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि इससे ट्रस्ट के साथ उनकी भी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। अब आम लोगों के साथ ही सरकार की अपेक्षाओं पर भी खरा उतरना है।
विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव स्वीकार होने के बाद आशय पत्र मिलने पर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी आभार जताया। साथ ही नई जिम्मेदारी मिलने से समाजसेवा का अपना संकल्प और मजबूत होने की बात भी कही।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने एसआरएमएस ट्रस्ट के विश्वविद्यालय के प्रस्ताव को स्वीकार किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आशय पत्र देकर हमें विश्वविद्यालय बनाने की परमीशन दे दी है। अब ट्रस्ट नयी दिशा में चल कर विश्व में अपना स्थान बनाने का प्रयास करेगा। हमारी कोशिश होगी कि जिस तरह हमारे देश के युवा विदेश जाकर पढ़ते हैं। रिसर्च करते हैं। वैसा की यहां भी हो। बरेली में ऐसे कोर्स और संसाधन लाए जाएं कि दूसरे मुल्कों के युवा एसआरएमएस विश्वविद्यालय में आकर पढ़ें।
दुनिया में बरेली को एसआरएमएस विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाए। आदिकाल से बाहर के लोग साहित्य पढ़ने, जीवन को समझने भारत आते रहे हैं। हम भी उन्हें यह अवसर देंगे। मेडिकल, इंजीनियरिंग, कानून और पैरामेडिकल में रिसर्च करने विदेशी युवा यहां आएंगे। जिन्हें हम बाबू जी के विचार, उनके आदर्श, देश की संस्कृति से परिचित कराने का काम करेंगे।
पिता की याद को चिरस्थायी रखने को बनाया एसआरएमएस ट्रस्ट
अपने पिता स्वतंत्रता सेनानी राम मूर्ति जी के नाम और आदर्शों को चिरस्थायी रखने के लिए देवमूर्ति ने 1990 में एसआरएमएस ट्रस्ट बनाया था। ट्रस्ट के जरिये समाजसेवा शुरू की। एसआरएमएस ट्रस्ट आज प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को 19 तरह की स्कालरशिप के रूप में 20 हजार से सवा दो लाख तक की राशि दे रहा है। प्रति वर्ष 2.25 लाख रोगियों को 1.5 करोड़ रुपये से ज्यादा की दवाइयां निशुल्क दी जाती हैं। इसके साथ ही समाजसेवा की कई योजनाओं से आम लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है।