उत्तराखंड में हिम तेंदुवो की गिनती को हाथ लगी निराशा, अब अपनाये जाएंगे ये कदम।

उत्तराखंड में हिम तेंदुओं की गिनती को लेकर बनाई गयी सर्वे टीमों को मायूसी के साथ वापस लौटना पड़ा सर्वे को बनाई गयी टीमों को हिम तेंदुए तो नहीं दिखे हालाँकि उनके होने का सबुत फुट प्रिंट और मल जरूर उनके हाथ लगा है, उत्तरकाशी जिले के पंडित गोविंद बल्लभ पंत वन्य जीव एवं राष्ट्रीय
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उत्तराखंड में हिम तेंदुवो की गिनती को हाथ लगी निराशा, अब अपनाये जाएंगे ये कदम।

उत्तराखंड में हिम तेंदुओं की गिनती को लेकर बनाई गयी सर्वे टीमों को मायूसी के साथ वापस लौटना पड़ा सर्वे को बनाई गयी टीमों को हिम तेंदुए तो नहीं दिखे हालाँकि उनके होने का सबुत फुट प्रिंट और मल जरूर उनके हाथ लगा है, उत्तरकाशी जिले के पंडित गोविंद बल्लभ पंत वन्य जीव एवं राष्ट्रीय पार्क के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिम तेंदुओं की गिनती का गश्त के साथ सर्वे पूरा हो गया।सर्वे टीमें वापस बेस कैंप पहुंचने से पहले ही बर्फबारी में फंस गई हैं। हिम तेंदुओं की मौजूदगी का पता लगाने के लिए वन विभाग अब ड्रोन कैमरों की मदद लेगा। तेंदुओं को ट्रैप करने के लिए हाई क्वालिटी के कैमरे भी लगाए जाएंगे।

उत्तराखंड में हिम तेंदुवो की गिनती को हाथ लगी निराशा, अब अपनाये जाएंगे ये कदम।

उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिम तेंदुओं की मौजूदगी है। इनमें उत्तरकाशी जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र रुपिन, सुपिन और सांकरी रेंज भी शामिल हैं। वन विभाग ने पहली बार हिम तेंदुओं की गिनती के लिए दो नवंबर से सर्वे शुरू किया।

पार्क के उप निदेशक कोमल सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने हिम तेंदुओं की ड्रोन कैमरे से गणना कराए जाने की अनुमति दे दी है। जल्द ही ड्रोन से रुपिन, सुपिन और सांकरी रेंज में हिम तेंदुओं की गणना की जाएगी। उप निदेशक के मुताबिक तेंदुओं को ट्रैप करने के लिए हाई क्वालिटी के कैैमरे भी लगाए जाएंगे।

हिम तेंदुओं के फुटप्रिंट और मल मिलने से उनकी मौजूदगी के पुख्ता सबूत मिल चुके हैं। हालांकि, टीमों को तेंदुए नहीं दिखे। पार्क के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में अब ड्रोन कैमरे से उनकी गणना की जाएगी। तीनों रेंज में आठ ग्रिड बनाकर 80 लोगों की टीम लगाई गई थी। 25 दिसंबर को सर्वे पूरा हो चुका है। दिसंबर पहले सप्ताह ही टीमों को रुपिन और सांकरी में हिम तेंदुओं के फुट प्रिंट और मल मिला।