सितारगंज- यहां तस्कर ऐसे लगा रहे सरकार को लाखों का चूना, वन विभाग ने उठाये ये ठोस कदम

कोरोना काल में भी लकड़ी तस्करो के हौसले बुलंद है। लॉकडाउन के बाद बरसात के मौसम का भी लकड़ी तस्करो ने भरपूर फायदा उठाया हैं। बेखौफ लकड़ी तस्कर इन दिनों जंगल से बेशकीमती लकड़ी रात के अँधेरे में ले जा रहे हैं और महंगे दामों पर बेचकर लाखों के वारे-न्यारे कर रहे हैं। इससे वन
 | 
सितारगंज- यहां तस्कर ऐसे लगा रहे सरकार को लाखों का चूना, वन विभाग ने उठाये ये ठोस कदम

कोरोना काल में भी लकड़ी तस्करो के हौसले बुलंद है। लॉकडाउन के बाद बरसात के मौसम का भी लकड़ी तस्करो ने भरपूर फायदा उठाया हैं। बेखौफ लकड़ी तस्कर इन दिनों जंगल से बेशकीमती लकड़ी रात के अँधेरे में ले जा रहे हैं और महंगे दामों पर बेचकर लाखों के वारे-न्यारे कर रहे हैं। इससे वन संपदा को काफी नुकसान हो रहा है।

रविवार को भी किशनपुर रेंज में वन तस्कर शीशम और सागवान के लट्ठे तस्करी कर ले जा रहे थे। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने लकड़ी के 14 लठ्ठो से भरी पिकअप गाड़ी को धरदबोचा है। वही मौके से तस्कर जंगल में फरार हो गए। वन विभाग ने वन अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत किया है।

सितारगंज- यहां तस्कर ऐसे लगा रहे सरकार को लाखों का चूना, वन विभाग ने उठाये ये ठोस कदम

तस्करों ने बनाये चोर रास्ते

सूत्रों के अनुसार तस्कर सितारगंज व शक्तिफार्म क्षेत्र के बताए जा रहे हैं। वन तस्करों की नजर बेशकीमती वनसंपदा पर लगी हुई है। ये लोग ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के अलावा छोटी गाडियो और लग्जरी वाहनों से भी लकड़ी की तस्करी कर सरकार को लाखों करोड़ों का चूना लगाते आये है। दो माह में सितारगंज पुलिस ने सागवान की लगभग 40 लाख की कीमत की अवैध लकड़ी पकड़ी थी।

बताया जा रहा है बाराकोली और किशनपुर रेंज के जंगल में तस्करों ने कई गुप्त स्थानों पर चोर रास्ते बना लिए हैं, जहां से वे अपने वाहन पर लकड़ियों के गिल्टे बनाकर आसानी से रात के अँधेरे में लाते है और पड़ोसी राज्य को महँगे दामो में बेचते है। वही पूरे मामले में वन विभाग की टीम तेजी के कार्यवाई कर रही है।