…शराबियों ने खेत को ही बना डाला शराब का अड्डा, कई एकड़ फसल बर्बाद, हर रोज इकट्ठा होती हैं एक पिकप बोतल

इन दिनों छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में शराबियों ने किसानों की खेती चौपट कर दी है। पियक्कड़ ने किसानों के खेतों में ही बैठकर शराब पीते हैं और फिर कांच की खाली बोतलें और डिस्पोजल तोडक़र चले जाते हैं। इसके चलते करीब 30 एकड़ जमीन खेती के लायक ही नहीं बची है। किसानों को कहना
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…शराबियों ने खेत को ही बना डाला शराब का अड्डा,  कई एकड़ फसल बर्बाद, हर रोज इकट्ठा होती हैं एक पिकप बोतल

इन दिनों छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में शराबियों ने किसानों की खेती चौपट कर दी है। पियक्कड़ ने किसानों के खेतों में ही बैठकर शराब पीते हैं और फिर कांच की खाली बोतलें और डिस्पोजल तोडक़र चले जाते हैं। इसके चलते करीब 30 एकड़ जमीन खेती के लायक ही नहीं बची है। किसानों को कहना है कि वह खेती करना चाहते हैं, लेकिन सुबह सफाई के बाद अगले दिन फिर टूटी कांच की बोतलें बिखरी मिलती हैं। इन दिनों पूरे इलाके में अवैध शराब का खेल जमकर चल रहा है। जगह-जगह अवैध शराब की बिक्री की जा रही है। इसकी थाने में भी कई बार शिकायत की, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

…शराबियों ने खेत को ही बना डाला शराब का अड्डा,  कई एकड़ फसल बर्बाद, हर रोज इकट्ठा होती हैं एक पिकप बोतल

शराब के ठेके की वजह से आसपास के क्षेत्र पूरी तरह से बर्बाद

जिस स्थान पर शराब दुकान है उसके आसपास के डेढ़ से दो किमी. तक के खेतों में शराब की बोतल फेंकी हुई मिलती है। किसानों की खेत में अब इतने ज्यादा कांच हो चुके हैं, कि हटाने में ही महीनाभर लग जाएगा। अगर खेतों में बैठकर शराब पीना बंद हो जाए तो किसान अपनी खेत को साफ करने के लिए यह काम करने को तैयार हैं।

कुनकुरी के डैम जाने वाली सडक़ से लेकर गिनाबहार पहुंचने तक की सडक़ के आसपास में ऐसा कोई खेत नहीं है जहां शराब की बोतलें न मिलती हों। शराब दुकान से आगे गिनाबहार रोड में एक पुल के नीचे शराब की हजारों बोतलें फेंकी गई है। खेतों की सफाई कराने पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। बेखौफ शराबी किसानों के खेतों ही जाम टकरा रहे हैं। ऐसा नहीं कि पुलिस को इसक जानकारी नहीं, सब जानकारी है। बावजूद यहां अपराधी किस्म के लोग शराब पीने आते हैं। शराब पीने के बाद वे यहां गंडागर्दी करते हैं। महिलाओं से छेड़छाड़ व क्षेत्रों में चोरियां भी हो रही हैं। जो कि सारी घटनाएं शराबियों के कारण ही हो रही हैं।

विरोध के बावजूद खुलवा दी शराब की दुकान

शराब दुकान खुलने से पहले ही गिनाबहार के ग्रामीणों ने इस स्थान पर शराब दुकान खोले जाने का विरोध किया था। इसे लेकर ग्रामीणों ने नगर में रैली भी निकाली थी। पर उस वक्त प्रशासन ने पुलिस बल का प्रयोग करते हुए ग्रामीणों के विरोध को दबा दिया और शराब दुकान खुलवादी। जिसका खामियाजा अब क्षेत्र के किसान भुगत रहे हैं।

…शराबियों ने खेत को ही बना डाला शराब का अड्डा,  कई एकड़ फसल बर्बाद, हर रोज इकट्ठा होती हैं एक पिकप बोतल

रोज इकट्ठा हो रही एक पिकअप बोतल

खेतों में कितने बोतल खुलते हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जशपुर में शराब दुकान के आसपास से प्रतिदिन एक पिकअप बोतल इकट्ठा होती है। शराब दुकान के पास चखना दुकान चला रहे सुरेंद्र ने बताया कि मेरा खेत भी कांच के टुकड़ों के कारण बर्बाद हो गया, इसलिए उसने खेती छोडकर चखना दुकान खोल ली। शराब की बोतलों को इकट्ठा करने का काम भी करते हैं। सुरेंद्र की मानें तो रोज खेतों से एक पिकअप कांच की बोतलें इकट्ठा हो जाती है। साथ ही पानी बॉटल व डिस्पोजल ग्लास भी भारी मात्रा मिलते हैं।