रुद्रपुर-अधिकारियों को खबर नहीं सडक़ पर दौड़ रही फर्जी बस, यूपी रोडवेज की रंग में रंगी प्राइवेट बस से ऐसे की लाखों की कमाई

रुद्रपुर-न्यूज टुडे नेटवर्क-आपने वाहनों की चोरी सुनी होगी हर रोज कई वाहन अलग-अलग राज्यों से चोरी भी होते रहते है लेकिन इस बार चोरों ने अनोखा रास्ता अपनाया। चोरों ने एक प्राइवेट बस को यूपी रोडवेज के रंग में रंग दिया। इसके बाद चोर उसे बेझिझक दिल्ली से यूपी और उत्तराखंड में चलाते है। बीते
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रुद्रपुर-अधिकारियों को खबर नहीं सडक़ पर दौड़ रही फर्जी बस, यूपी रोडवेज की रंग में रंगी प्राइवेट बस से ऐसे की लाखों की कमाई

रुद्रपुर-न्यूज टुडे नेटवर्क-आपने वाहनों की चोरी सुनी होगी हर रोज कई वाहन अलग-अलग राज्यों से चोरी भी होते रहते है लेकिन इस बार चोरों ने अनोखा रास्ता अपनाया। चोरों ने एक प्राइवेट बस को यूपी रोडवेज के रंग में रंग दिया। इसके बाद चोर उसे बेझिझक दिल्ली से यूपी और उत्तराखंड में चलाते है। बीते दिनो एआरटीओं ने बस को फर्जीबाड़ा करते हुए पकड़ा और सीज कर बिलासपुर चेक पोस्ट के पास खड़ा कर दिया। इस दौरान उसी रात बस चोरी हो गई। अगले दिन बस चोरी होने की खबर अधिकारियों तक पहुंची तो सबके होश उड़ गये। इसकी सूचना पुलिस को दी गई जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज किया फिर शुरू हुई बस को ढूढऩे की मुहिम।

रुद्रपुर-अधिकारियों को खबर नहीं सडक़ पर दौड़ रही फर्जी बस, यूपी रोडवेज की रंग में रंगी प्राइवेट बस से ऐसे की लाखों की कमाई

ऐसे खुला मामला

इस बीच पुलिस ने सीसीटीवी खंगालने शुरू किये। मुरादाबाद टोल नाके के पास बस दिल्ली की तरफ जाती दिखी। जिसके बाद पुलिस दिल्ली रवाना हो गई और आनंदबिहार बस अडडे से बस को बरामद कर दिया। इसके बाद जो खुलासे हुए उसने पुलिस के होश उड़ा दिये। बस हापुड़ निवासी किसी असलम के नाम पर थी। पुलिस ने मौके से बस चोरी करने वाले दो चोरों को भी पकड़ लिया। जिसमें बस चालक जाकिर हरियाण निवासी जो हाल में हापुड़ रहता था। परिचालक राकिब जो हापुड़ का निवासी है। पूछताछ में उन्होंने बताया कि दोनों गाड़ी को करीब डेढ़ साल से यूपी, दिल्ली रूटो पर दौड़ा रहे थे। इसकी कमाई दोनों आपस में बांट लेते थे। जबकि प्राइवेट थी जिसका परमिट दिल्ली से गढ़ मुक्तेश्वर तक ही था।

 

मालिक को खबर तक नहीं

यह पूरा मामला सुनकर बस मालिक के होश उड़ गये। उसे पता ही नहीं था कि उसकी बस नये रंग में रंगकर कहा-कहा दौड़ रही है। मालिक ने समझा कि बस दिल्ली से गढ़मुक्तेश्वर की तरफ चल रही है। मालिक को खबर न लगने की बस एक ही कारण था कि मालिक को उनके गोरखधंधे का पता न चल जाय और उन्हें नौकरी से निकाल न दें। बता दें कि बस को सिर्फ परिवहन निगम की तर्ज पर इस शर्त पर चलाया जाता है कि बस निगम से अनुबंधित होनी चाहिए। अन्य निजी वाहनों को ठेका परमिट उपलब्ध कराया जाता है लेकिन यहां न तो परमिट था न ही अनुबंध। यह एक शातिर दिमाग की उपज थी। आज रुद्रपुर पुलिस ने इसका खुलासा किया।