रुद्रपुर-किसान संगठनों की सरकार को चेतावनी, 15 अक्टूबर से ऐसे करेगें विरोध

रुद्रपुर-आज गल्ला मंडी में जिले के तमाम किसान संगठनों के पदाधिकारी एवं क्षेत्र के किसान एकत्र हुए। जिसमें सर्वसम्मति से कुछ मुद्दों पर प्रस्ताव पारित हुए की यदि 14 अक्टूबर तक कच्चे आढ़ती की खरीद बोली के माध्यम से एवं नमी के आधार पर किसान को रेट नहीं मिला एवं सभी गल्ला मंडियों के अंदर
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रुद्रपुर-किसान संगठनों की सरकार को चेतावनी,  15 अक्टूबर से ऐसे करेगें विरोध

रुद्रपुर-आज गल्ला मंडी में जिले के तमाम किसान संगठनों के पदाधिकारी एवं क्षेत्र के किसान एकत्र हुए। जिसमें सर्वसम्मति से कुछ मुद्दों पर प्रस्ताव पारित हुए की यदि 14 अक्टूबर तक कच्चे आढ़ती की खरीद बोली के माध्यम से एवं नमी के आधार पर किसान को रेट नहीं मिला एवं सभी गल्ला मंडियों के अंदर कच्चे आढ़तियों की सूची प्रत्येक दुकान पर चस्पा नहीं हुई, सरकार द्वारा जो कच्चे आढ़ती के लिए 700 कुंतल प्रति दिन की सीमा निर्धारित हुई है उसे नहीं बढ़ाया गया तो 14 अक्टूबर को जिले की सभी मंडियों के अंदर किसान एकत्रित होकर आगे की रणनीति पर विचार करेंगे।

इसके बाद 15 अक्टूबर से धान की कटाई एवं कंबाइन पूर्णता बंद कर दी जाएगी। कच्चे आढती द्वारा पिछले 10 दिन से जो खरीद हो रही है, वह किसान की फसल की लूट हो रही है। 1300 से लेकर 1500 रुपए प्रति कुंतल खरीदा जा रहा है और शासन -प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है जबकि धान की नमी 17 प्रतिशत से 18 प्रतिशत, 19 प्रतिशत ही आ रही है।जिसे लेकर किसानों में भारी आक्रोश है।

किसान संगठनों ने कहा कि हम संयुक्त रूप से 14 अक्टूबर को जिले की मंडियों में एकत्रित होकर इस न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना चाहिए। सरकार द्वारा धान खरीद नीति में जानबूझकर नीलामी की प्रक्रिया को हटा देना, यह किसानों के ऊपर पर डकैती जैसा है इसलिए किसानों की धान की फसल की बोली मंडी के अंदर हो। किसान किसी भी कीमत पर अपनी फसल की लूटने नहीं देगा। इसके लिए आर-पार की लड़ाई लडऩी पड़ी तो वह भी लडऩे के लिए तैयार है लेकिन जिस तरह से सरकार और कच्चा आढ़ती इस लूट में शामिल हैं। इस मौके पर प्रमुख रूप से तेजिंदर सिंह विर्क, ठाकुर जगदीश सिंह, सुखा सिंह विर्क, त्रिलोचन सिंह, कामरेड करनैल सिंह, संतोख सिंह, डब्लू शाही, अमनदीप सिंह, गुरजीत सिंह आदि शामिल थे।