रुद्रप्रयाग- बाबा तुंगनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खुले, जाने क्या है पूरे विश्वभर में मान्यता

विश्व के सबसे ऊंचे शिव मंदिर तृतीय केदार बाबा तुंगनाथ के कपाट आज सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए है। सुबह आठ बजे भगवान की डोली समुद्रतल से 11349 फीट की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ धाम पहुंची। जिसके बाद मंदिर के कपाट खोलने के लिए पूजा अर्चना की गई,
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रुद्रप्रयाग- बाबा तुंगनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खुले, जाने क्या है पूरे विश्वभर में मान्यता

विश्व के सबसे ऊंचे शिव मंदिर तृतीय केदार बाबा तुंगनाथ के कपाट आज सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए है। सुबह आठ बजे भगवान की डोली समुद्रतल से 11349 फीट की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ धाम पहुंची। जिसके बाद मंदिर के कपाट खोलने के लिए पूजा अर्चना की गई, लॉकडाउन के कारण सीमित लोगो और सोशल डिस्टेंन्स के साथ बाबा तुंगनाथ की डोली चोपता से अपने धाम तुंगनाथ लाई गई।

रुद्रप्रयाग- बाबा तुंगनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खुले, जाने क्या है पूरे विश्वभर में मान्यता

तुंगनाथ के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड के पंचकेदार के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खुल गए हैं। बता दें कि तुंगनाथ का मंदिर 1000 साल पुराना माना जाता है। 3460 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बाबा तुंगनाथ का मंदिर विश्व में सबसे ऊंचाई पर स्थित भगवान शिव का मंदिर है।

रुद्रप्रयाग- बाबा तुंगनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खुले, जाने क्या है पूरे विश्वभर में मान्यता

तुंगनाथ खुलने के साथ ही हिमालय में स्थित सभी पंचकेदारों के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खुल गए हैं। पंचकेदारों में से केदारनाथ धाम, मद्महेश्वर, रुद्रनाथ के कपाट पहले ही खुल चुके हैं। पंच केदारों में कल्पेश्वर एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसके कपाट पूरे वर्ष खुले रहते हैं और यहां भक्त भगवान के दर्शन कर सकते हैं। कर्क लग्न में दोपहर 11 बजकर 30 मिनट पर तुंगनाथ मंदिर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए।