ऋषिकेश- डॉक्टरों ने ऐसे निकाला आहार नली में फंसा 10 का सिक्का, आंखें बंद रोते रहे बच्चे के माता-पिता

ऋषिकेश-कई बार बच्चे खेल-खेल में सिक्के निगल लेते है। ऐसे में परिजनों की जान पर बन आती है। कई बार ऐसे केसों मेें अच्छे-अच्छे डॉक्टर भी मार खा जाते है। ऐसा ही एक मामला ऋषिकेश में देखने को मिला। जहां ज्वालापुर हरिद्वार निवासी पांच साल के बच्चे ने खेलते समय 10 रुपये का सिक्का निगल
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ऋषिकेश- डॉक्टरों ने ऐसे निकाला आहार नली में फंसा 10 का सिक्का, आंखें बंद रोते रहे बच्चे के माता-पिता

ऋषिकेश-कई बार बच्चे खेल-खेल में सिक्के निगल लेते है। ऐसे में परिजनों की जान पर बन आती है। कई बार ऐसे केसों मेें अच्छे-अच्छे डॉक्टर भी मार खा जाते है। ऐसा ही एक मामला ऋषिकेश में देखने को मिला। जहां ज्वालापुर हरिद्वार निवासी पांच साल के बच्चे ने खेलते समय 10 रुपये का सिक्का निगल लिया, सिक्का उसकी आहार नली में जाकर फंस गया। आनन-फानन में परिजन से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में ले गये।

ऋषिकेश- डॉक्टरों ने ऐसे निकाला आहार नली में फंसा 10 का सिक्का, आंखें बंद रोते रहे बच्चे के माता-पिता
इस दौरान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में करीब ढाई घंटे के अंतराल में एम्स ऋषिकेश की ट्रॉमा इमरजेंसी में भर्ती कराया। जहां पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की डा. इनोनो यहोशु व डा. मनीष कुमार गुप्ता ने बताया कि फोलिस कैथेटर (एक सिरे पर गुब्बारा लगे रबड़ के पाइप के उपकरण) को बच्चे की नाक के रास्ते आहार नाल में फंसे सिक्के के नीचे तक डाला गया, फिर सीरिंज के जरिये पाइप में पानी भरकर गुब्बारे को फुलाया गया

जिसके बाद पाइप को धीरे-धीरे ऊपर खींचकर सिक्के के साथ बाहर निकाला गया। एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने इस सफलतापूर्ण कार्य के लिए बाल शल्य चिकित्सा विभाग की टीम के प्रयासों की सराहना की है।