रानीखेत- कुमाऊं व नागा रेजिमेंट के इतिहास में जुड़ा एक नया अध्याय, देवभूमि ने सेना को दिये सबसे ज्यादा जाबांज

रानीखेत-न्यूज टुडे नेटवर्क- आज भारतीय सेना की कुमाऊं व नागा रेजिमेंट के गौरवशाली इतिहास में एक और अध्याय जुड़ गया। रानीखेत के ऐतिहासिक सोमनाथ मैदान में अंतिम पग भर 289 युवा भारतीय सेना का अभिन्न अंग बन गए। जिसमें उत्तराखंड ने भारतीय सेना को सबसे ज्यादा 201 सैनिक दिए। जबकि उत्तर प्रदेश से 39, हरियाणा
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रानीखेत- कुमाऊं व नागा रेजिमेंट के इतिहास में जुड़ा एक नया अध्याय, देवभूमि ने सेना को दिये सबसे ज्यादा जाबांज

रानीखेत-न्यूज टुडे नेटवर्क- आज भारतीय सेना की कुमाऊं व नागा रेजिमेंट के गौरवशाली इतिहास में एक और अध्याय जुड़ गया। रानीखेत के ऐतिहासिक सोमनाथ मैदान में अंतिम पग भर 289 युवा भारतीय सेना का अभिन्न अंग बन गए। जिसमें उत्तराखंड ने भारतीय सेना को सबसे ज्यादा 201 सैनिक दिए। जबकि उत्तर प्रदेश से 39, हरियाणा से 29, राजस्थान से 19, और पंजाब से एक युवा भारतीय सेना का अंग बना। उत्तराखंड ने सेना से सबसे ज्यादा सैनिक दिये। इस मौके पर डिप्टी कमांडेंट कर्नल निखिल श्रीवास्तव, टीबीसी कर्नल नीरज सूद (शौर्य चक्र) जीएसओ वन प्रशिक्षण लेफ्टिनेंट कर्नल संदीप शील, मेजर कार्तिक थापा, कैप्टन मंनिंदर यादव, एसएम राजेंद्र सिंह जलाल, एसएम हरी किशन व एसएम गोपी चंद, सूबेदार नरेंद्र सिंह आदि मौजूद थे।

रानीखेत- कुमाऊं व नागा रेजिमेंट के इतिहास में जुड़ा एक नया अध्याय, देवभूमि ने सेना को दिये सबसे ज्यादा जाबांज

कई जाबाज हुए सम्मानित

जाबांजो ने 34 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण लिया। आज भारतीय सेना का अभिन्न अंग बन गए। परेड की सलामी के बाद युवाओं ने धार्मिक ग्रंथ गीता को साक्षी मान देश की आन, बान व शान की रक्षा को तत्पर रहने तथा जरूरत पडऩे पर सर्वस्व न्यौछावर करने की शपथ ली। देशभक्ति व सेवा का जज्बा व जोश भरती केआरसी की बैंड धुन के बीच परेड कमाडर कैप्टन मनिंदर सिंह यादव के नेतृत्व में नौ माह का कठिन प्रशिक्षण ले कई राज्यों के 289 युवा जाबाज कुमाऊं व नागा रेजिमेंट के अभिन्न अंग बने। मुख्य अतिथि कमांडेंट ब्रिगेडियर गोविंद सिंह राठौड़ ने परेड की सलामी ली। उन्होंने कर्तव्य व निष्ठा को देश सेवा का बेहतर मार्ग बताया। धर्म गुरु सूबेदार दिनेश चंद्र पांडे ने सैनिकों को देश की आनए बान व शान की शपथ दिलाई। प्रशिक्षण अवधि में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जांबाजों को पदक से सम्मानित किया गया।