RAKSHA BANDHAN: इस रक्षाबंधन चायनीज नहीं इन खुबसूरत देशी राखियों से सजेंगी भाइयों की कलाई
गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद से देश से देश में चायनीज उत्पादों का बहिष्कार (boycott) शुरू हो गया है। इस बार रक्षाबंधन पर चाइनीज नहीं सूरत के धागे, राजकोट के पैंडल व स्टोन, मुम्बई के मोतियों से सजी राखियां भाइयों की कलाई पर सजेंगी। मेड इन इंडिया (Made in India) व मेक इन लखनऊ की तर्ज पर व्यापारियों ने इन्हें महिला कारीगरों से तैयार कर बाजार में उतार दिया है। इनकी खूबसूरती (Beauty) देखते ही बन रही हैं। इनकी देशी राखियों की कीमत 24 रुपये दर्जन से 300 रुपये दर्जन तक है।
बनाने वालों का कहना है कि इस बार राखी बनाने में चीन का कोई उत्पाद प्रयोग नहीं किया गया है। वहीं व्यापारियों का कहना है कि इस कोरोना महामारी (corona epidemic) का व्यापार पर गहरा असर पड़ा है। उन्होंने बताया कि सूरत से धागा खरीदा, राजकोट से पैंडल और स्टोन खरीदे, मुम्बई और मलाट से मोती लाकर महिला कारीगरों (Female craftsmen) से राखियां बनवाई गईं हैं। कोरोना के चलते बाजारों में कम भीड़ देखने को मिल रही है।