प्रयागराज : अतीक के लाल बंगले का खुला राज, यूपी पुलिस कसेगी शिकंजा

न्यूज टुडे नेटवर्क। इस वक्त गुजरात की अहमदाबाद जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के प्रयागराज में अवैध लाल बंगले का राज खुल गया है। करोड़ों रुपये के इस बंगले को लेकर यूपी पुलिस अब कार्रवाई की तैयारी में है। बंगले को गैंगेस्टर एक्ट के तहत कुर्क किया जाएगा। इसी बंगले के लिए देवरिया जेल
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प्रयागराज : अतीक के लाल बंगले का खुला राज, यूपी पुलिस कसेगी शिकंजा

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। इस वक्‍त गुजरात की अहमदाबाद जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के प्रयागराज में अवैध लाल बंगले का राज खुल गया है। करोड़ों रुपये के इस बंगले को लेकर यूपी पुलिस अब कार्रवाई की तैयारी में है। बंगले को गैंगेस्‍टर एक्‍ट के तहत कुर्क किया जाएगा। इसी बंगले के लिए देवरिया जेल के अंदर प्रॉपर्टी डीलर जैद की पिटाई हुई थी। सिविल लाइंस पुलिस ने रिपोर्ट भेज दी है।

 

अतीक के साथ मिलकर आबिद प्रधान व उसका दामाद प्रॉपर्टी डीलर जैद धूमनगंज में प्लाटिंग करते थे। कमाई का हिस्सा अतीक को जेल में भी पहुंचता था। बमरौली में मोहम्मद जैद के मकान के पीछे अतीक की करोड़ों की प्रॉपर्टी है जिसे लोग लाल बंगला के नाम से जानते हैं। इसी प्रॉपर्टी को लेकर जैद और अतीक के बीच टशन है। इसको लेकर ही 2019 में अतीक ने जैद को धूमनगंज से देवरिया जेल बुलवाया। उसकी पिटाई की ।

जनवरी 2020 में धूमनगंज थाने में अतीक और उसके गुर्गों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। धूमनगंज पुलिस ने अतीक और उनके करीबियों के खिलाफ कार्रवाई को गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज कर लिया। इसकी जांच सिविल लाइंस पुलिस को मिली। पुलिस जांच में पता चला कि लाल बंगला आबिद प्रधान के छोटे भाई माजिद की पत्नी शमा अफरोज के नाम पर रजिस्टर्ड है। 15 बिस्वा में बनाई गई इस प्रॉपर्टी की कीमत करोड़ों रुपये है। मकान को अवैध रूप से धन अर्जित करके बनाया गया है।

2017 से जेल में है अतीक

अतीक अहमद इस वक्‍त गुजरात की अहमदाबाद जेल में है। वह 2004 से 2009 तक उत्तर प्रदेश के फूलपुर से 14वीं लोकसभा में समाजवादी पार्टी का सांसद रहा। वह पांच बार विधायक भी रह चुका है। 11 फरवरी,  2017 से जेल में है। सीबीआई ने 23 अप्रैल, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था। साल-2018 के दिसंबर में देवरिया जेल में बंद अतीक अहमद ने लखनऊ के जमीन कारोबारी को अगवा कराकर जेल के भीतर पीटा था। कारोबारी ने राजधानी के कृष्णानगर कोतवाली में अतीक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी थी। किरकिरी के बाद शासन ने इस प्रकरण में देवरिया जेल के डिप्टी जेलर समेत चार जेलकर्मियों को निलंबित किया था। जनवरी में अतीक को देवरिया से बरेली जेल शिफ्ट कर दिया था। लोकसभा चुनाव के दौरान 19 अप्रैल 2019 को अतीक को सरकार ने बरेली से नैनी शिफ्ट किया था। उसके बाद पीड़ित कारोबारी ने अतीक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच कराने के साथ ही अतीक को गुजरात जेल भेजने के निर्देश दिए थे।