प्रयागराज: गंगा की अविरलता और सफाई को लेकर यहां हो रहा मंथन, RSS प्रमुख भागवत दे सकते हैं बड़ा संदेश

न्यूज टुडे नेटवर्क। प्रयागराज में माघ मेला परिक्षेत्र में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की गंगा समग्र की राष्ट्रीय कार्यसमिति का शुभारंभ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने किया। प्रमुख मोहन भागवत का प्रयागराज में आज दूसरा दिन है। यहां माघ मेला क्षेत्र में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के पंडाल में गंगा की अविरलता को लेकर गंगा
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प्रयागराज: गंगा की अविरलता और सफाई को लेकर यहां हो रहा मंथन, RSS प्रमुख भागवत दे सकते हैं बड़ा संदेश

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। प्रयागराज में माघ मेला परिक्षेत्र में राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ की गंगा समग्र की राष्‍ट्रीय कार्यसमिति का शुभारंभ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने किया। प्रमुख मोहन भागवत का प्रयागराज में आज दूसरा दिन है। यहां माघ मेला क्षेत्र में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के पंडाल में गंगा की अविरलता को लेकर गंगा समग्र की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक चल रही है।

बैठक में पांच राज्यों के 12 प्रांतों का ब्यौरा पेश किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, RSS के सर कार्यवाह डॉक्टर कृष्ण गोपाल मौजूद हैं। संभावना है कि मोहन भागवत गंगा सफाई को लेकर कोई बड़ा संदेश दे सकते हैं।

गंगा समग्र का यह कार्यक्रम माघ मेला परिक्षेत्र में त्रिवेणी मार्ग स्थित VHP के शिविर में हो रहा है। इसमें 5 राज्यों के 750 से ज्यादा पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हैं। गंगा की अविरलता और सफाई को लेकर मंथन जारी है। इस दौरान गंगा समेत अन्य नदियों, तालाबों की स्वच्छता, संरक्षण पर भी चर्चा होगी।

मेरठ, ब्रज, कानपुर समेत 12 प्रांतों के कार्यों का विवरण भागवत के समक्ष पेश किया जा चुका है। बताया गया कि उनके प्रांत में कितने गंगा घाट हैं, वहां गंगा सफाई को लेकर क्या-क्या काम हुए हैं, पौधरोपण का कितने गंगा के किनारे गांव हैं, वहां गंगा सफाई को लेकर क्या-क्या काम हुए इसका विवरण दिया गया है।

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पहले दिन शुक्रवार को प्रयागराज प्रवास के दौरान संगम तट पर गंगा आरती व पूजन किया था। इस दौरान उनके साथ अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि गंगा बहुत प्राचीन है और भारत वर्ष की जीवनदायिनी जीवन धारा संस्कृति का प्रवाही आयाम है जो युगों-युगों से चली आ रही है। संगम तट पर आरती के बाद मोहन भागवत ने बड़े हनुमान के दर्शन किए।