पिथौरागढ़- देवी मंदिर में धर्मशाला निर्माण के दौरान अचानक निकली ऐसी चीज की दौड़ पड़ा पूरा गांव, पढिय़े आगे फिर क्या हुआ

पिथौरागढ़- उत्तराखंड देवों की भूमि है। इसलिए इसे देवभूमि कहा जाता है। पहाड़ों में अधिकांश देवाताओं को निवास स्थान है। पूरा पहाड़ देवी-देवताओं के मंदिरों से भरा है। लोग हर दिन देवताओं की पूजा अर्चना करते है लेकिन अगर भगवान के धर्मशाला निर्माण में भगवान की मूर्ति निकल जाय तो आस्था में हो इजाफा हो
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पिथौरागढ़- देवी मंदिर में धर्मशाला निर्माण के दौरान अचानक निकली ऐसी चीज की दौड़ पड़ा पूरा गांव, पढिय़े आगे फिर क्या हुआ

पिथौरागढ़- उत्तराखंड देवों की भूमि है। इसलिए इसे देवभूमि कहा जाता है। पहाड़ों में अधिकांश देवाताओं को निवास स्थान है। पूरा पहाड़ देवी-देवताओं के मंदिरों से भरा है। लोग हर दिन देवताओं की पूजा अर्चना करते है लेकिन अगर भगवान के धर्मशाला निर्माण में भगवान की मूर्ति निकल जाय तो आस्था में हो इजाफा हो जाता है। ऐसा ही मुवानी के मायल गांव में हुआ। इन दिनों ऊपरी रामगंगा घाटी में मुवानी के मायल गांव में देवी मंदिर की धर्मशाला निर्माण के लिए खोदाई चल रही है। खुदाई में नरसिंह की मूर्ति मिली तो ग्रामीण चौक गये। पूरे गांव में मूर्ति निकलने की खबर फैल गई। चंद घंटों में पूरा गांव उस स्थान पर पहुंच गया जहां मूर्ति निकली थी। बताया जा रहा है कि मूर्ति ग्रेनाइट पत्थर की है, जिसे नौवीं शताब्दी का माना जा रहा है।

पिथौरागढ़- देवी मंदिर में धर्मशाला निर्माण के दौरान अचानक निकली ऐसी चीज की दौड़ पड़ा पूरा गांव, पढिय़े आगे फिर क्या हुआ

खुदाई में निकली नरसिंह भगवान की मूर्ति

पिथौरागढ़ जिले के मायल गांव में मायल देवी का मंदिर है। इन दिनों ग्रामीणों द्वारा मायल देवी मंदिर परिसर में एक धर्मशाला का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए खुदाई का कार्य चल रहा है। खुदाई चल ही रही थी कि अचानक एक मूर्ति नजर आयी। ग्रामीणों ने उसे और खोदा तो मूर्ति बड़ी थी। जिसके बाद ग्रामीणों ने उस मूर्ति को बाहर निकाला। मूॢत करीब लगभग एक फीट से अधिक लंबी ग्रेनाइट पत्थर की जो भगवान नरसिंह की मूर्ति है। साथ में एक एक अन्य मूर्ति मिली। खुदाई में नरसिंह की मूर्ति मिलते ही ग्रामीण चकित रह गए। ग्रामीणों की आस्था बढ़ती गई।

नौंवी शताब्दी की है मूर्ति

खुदाई से मूर्ति निकालने के बाद ग्रामीणों ने दोनों मूर्तियों को सुरक्षित स्थान पर रखा। इसके बाद मूर्ति निकलने की सूचना पुरातत्व विभाग को दे दी गई। लोगों ने फोन से मूर्ति के चित्र पुरातत्व विभाग भेजे। इस पर पुरातत्व विभाग ने उसे देखा और बताया कि यह मूर्ति भगवान नरसिंह की है। जो नौंवी शताब्दी की है और ग्रेनाइट पत्थर से बनी है। पुरातत्व विभाग मूर्ति निकलने वाले स्थान का निरीक्षण करेगा। मूर्ति को पिथौरागढ़ के संग्रहालय में रखा जाएगा।
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