पिथौरागढ़-एक ड्रेस में पूरी कर दी 11वीं व 12वीं की पढ़ाई, पढिय़ें पहाड़ की बेटी के संघर्ष की पूरी कहानी

पिथौरागढ़-हाल ही में उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं व 12वीं का रिजल्ट आया है। 10वीं व 12वीं में एक से बढक़र से प्रतिभाएं उभरकर सामने आयी। गरीब घरों के बच्चों ने अपने माता-पिता का नाम रोशन किया। ऐसे में सुविधाओं का आभाव होने के बाद भी एक बेटी ने गांव में अलग ही मुकाम हासिल कर
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पिथौरागढ़-एक ड्रेस में पूरी कर दी 11वीं व 12वीं की पढ़ाई, पढिय़ें पहाड़ की बेटी के संघर्ष की पूरी कहानी

पिथौरागढ़-हाल ही में उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं व 12वीं का रिजल्ट आया है। 10वीं व 12वीं में एक से बढक़र से प्रतिभाएं उभरकर सामने आयी। गरीब घरों के बच्चों ने अपने माता-पिता का नाम रोशन किया। ऐसे में सुविधाओं का आभाव होने के बाद भी एक बेटी ने गांव में अलग ही मुकाम हासिल कर लिया। 12वीं पास करने के बाद हर कोई उस बेटी का गुणगान कर रहा है। समूचे पिथौरागढ़ जिले में उसकी खूब तारीफ हो रही है। डीडीहाट तहसील की रहने वाली जानकी ने 12वीं पास कर गांव में एक नया मुकाम हासिल कर लिया। जानकी की कहानी किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है।

पिथौरागढ़-एक ड्रेस में पूरी कर दी 11वीं व 12वीं की पढ़ाई, पढिय़ें पहाड़ की बेटी के संघर्ष की पूरी कहानी

वनराजि समाज 12वीं करने वाली बनी एकमात्र बेटी

जानकी ने इस बार उत्तराखंड बोर्ड से 12वीं परीक्षा पास की। 12वीं पास करते ही वह प्रदेश की आदिम वनराजि समाज की एक मात्र लडक़ी बन गई। साथ ही वह तीन गांव में 12वीं करने वाली एकमात्र बेटी बन गई। जानकी मूलरूप से कूटा चौरानी गांव की निवासी है। यह मुकाम को हासिल करने में जानकी ने काफी मेहनत की। जानकी रोजाना जंगल और नाले पार करके करीब 14 किमी की दूरी कर करके स्कूल जाती थी। गरीब परिवार की जानकी के माता-पिता खेतीबाड़ी का गुजर-बसर कर रहे है। जानकी ने कड़ी मेहनत कर 12वीं की परीक्षा द्वितीय श्रेणी उत्तीर्ण की। 12वीं की परीक्षा 12 किमी देर दूनाकोट से की।

तीन गांव में पहली 12वीं पास बेटी

हैरानी की बात यह है कि वह नीत गांवों में एक वनराजि समाज की 12वीं कक्षा पास करने वाली बेटी है। इससे पहले जानकारी ने 10वीं की परीक्षा अपने घर से तीन किमी दूर जाकर पढ़ाई की। इंटर में उसे जंगली रास्तों से होकर जाना पड़ता था। इसे बावजूद उसने हिम्मत दिखाई और 12वीं पास कर लिया। 11वीं व 12वीं कक्षा जानकी ने एक ही ड्रेस में पास कर ली। पैरों में जूते का नाम ही नहीं। केवल हवाई चप्पलों में स्कूल जाती थी। गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली जानकी ने जीतोड़ मेहनत कर अपनी मंजिल पा ली। अब जानकी के आगे समस्या है आगे पढऩे की।