पिछले 50 साल से इस गांव में नहीं हुई किसी महिला की डिलेवरी, वजह है ये खास

भारत के सांका जागीर गांव में पिछले 50 सालों से कोई डिलेवरी नही हुई है। जब भी कोई महिला प्रेग्नेट होती है, तो उसे गांव के बाहर ले जाते हैं। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से 70 किमी दूर राजगढ जिले में स्थित सांका जागीर गांव की। जहां पर पिछले 50 साल से कोई बच्चा नहीं
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पिछले 50 साल से इस गांव में नहीं हुई किसी महिला की डिलेवरी, वजह है ये खास

भारत के सांका जागीर गांव में पिछले 50 सालों से कोई डिलेवरी नही हुई है। जब भी कोई महिला प्रेग्नेट होती है, तो उसे गांव के बाहर ले जाते हैं। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से 70 किमी दूर राजगढ जिले में स्थित सांका जागीर गांव की। जहां पर पिछले 50 साल से कोई बच्चा नहीं पैदा हुआ है। यहां के लोगो की मान्यता है कि अगर कोई बच्चा गांव के अंदर पैदा हुआ तो वह विकलांग होगा। यह लोगो का अंधविश्वास है।

पिछले 50 साल से इस गांव में नहीं हुई किसी महिला की डिलेवरी, वजह है ये खास

गांव के बाहर करवाते हैं डिलेवरी

अब आप सोचेंगे कि जब कोई बच्चा नहीं पैदा हुआ तो यहां की आबादी कैसे बढ़ती होगी। तो परेशान न हो हम आपको बताते हैं। यहां पर जब भी किसी महिला को डिलेवरी होती है तो उसे गांव के बाहर भेज दिया जाता है, ताकि वह बच्चे को जन्म कहीं ओर दे लेकिन इस गांव में नहीं।

लोगों की ये है मान्यता

दरअसल यहां के निवासियों में मान्यता है कि अगर कोई बच्चा गांव के अंदर पैदा हुआ तो वह विकलांग पैदा होगा। यहां के लोगों में मान्यता हैं कि इस गांव में पैदा होने वाला बच्चा विकलांग ही पैदा होगा। चाहे वह मानसिक हो या शारीरिक विकलांग। जिससे लोग गांव के बाहर डिलेवरी कराते हैं। वहीं दूसरी मान्यता यहां पर बने श्यामीजी के मंदिर से जुड़ी है।

पिछले 50 साल से इस गांव में नहीं हुई किसी महिला की डिलेवरी, वजह है ये खास

मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए

ऐसे में गांव वालों ने गांव की सीमा के बाहर एक कमरा बनवा रखा है। जब भी किसी महिला को बच्चा होने वाला होता है वह उसे गांव के बाहर बने इस कमरे में ले जाया जाते हैंं और बच्चे को जन्म दिलवाया जाता है। इसके अलावा ग्रामीणों का यह भी कहना है कि किसी जमाने में यहां श्यामजी का मंदिर था, उसकी पवित्रता बनाए रखने के लिए गांव के बुजुर्गों ने महिलाओं की डिलेवरी गांव के बाहर कराने का फरमान सुनाया था। अगर कभी कोई इमरजेंसी स्थिति आ भी जाती है, तो फिर खेत में डिलेवरी कराई जाती है। इन मान्यताओं को पूरे गांव वाले एक जुट में मानते हैं।

क्या कहते हैं गांव के बुजुर्ग

गांव के बुजुर्ग भी बताते हैं कि वह खुद 50 साल से अधिक की उम्र के हो चुके है, लेकिन उन्होंने आज तक किसी भी बच्चे का जन्म गांव के अंदर होते नहीं देखा।