बेतालघाट-पहाड़ के प्यार ने पंजाबी को बना दिया पहाड़ी, स्वरोजगार की नई दिशायें खोलने पर मिलेगा India’s Real Hero Award -2020

India’s Real Hero Award -2020- (Jeevan Raj)-आज समूचा पहाड़ पलायन की पीड़ा से कराह रहा है। ऐसे में लोगों को रोजगार देना और उन्हें स्वरोजगार के रास्ते पर ले जाने का काम जिस शख्स ने किया, उसकी चर्चाएं आज समूचे उत्तराखंड में है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का उनका सपना पूरा होता नजर आ रहा
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बेतालघाट-पहाड़ के प्यार ने पंजाबी को बना दिया पहाड़ी, स्वरोजगार की नई दिशायें खोलने पर मिलेगा India’s Real Hero Award -2020

India’s Real Hero Award -2020- (Jeevan Raj)-आज समूचा पहाड़ पलायन की पीड़ा से कराह रहा है। ऐसे में लोगों को रोजगार देना और उन्हें स्वरोजगार के रास्ते पर ले जाने का काम जिस शख्स ने किया, उसकी चर्चाएं आज समूचे उत्तराखंड में है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का उनका सपना पूरा होता नजर आ रहा है। जी हां हम बात कर रहे है बेतालघाट निवासी राहुल अरोड़ा की। जिनकी आज हर कोई तारीफ कर रहा है। महिलाएं जिनके तारीफों की पुल बांधती नहीं थकती। वही बेतालघाट के लोगों का मनाना है कि इन्हें बेतालेश्वर महादेव ने दूत बनाकर हमारे उद्वार के लिए भेजा है। उनका समाज के प्रति समर्पित भाव उन्हें India’s Real Hero Award -2020 का सबसे बड़ा हकदार मनाता है। आगामी 22 जनवरी को उन्हें India’s Real Hero Award -2020 से सम्मानित किया जायेगा।

बेतालघाट-पहाड़ के प्यार ने पंजाबी को बना दिया पहाड़ी, स्वरोजगार की नई दिशायें खोलने पर मिलेगा India’s Real Hero Award -2020

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राहुल अरोड़ा ने बताया कि दिल्ली से उन्होंने शिक्षा ग्रहण की। वह देवभूमि उत्तराखंड से बड़े प्रभावित हुए। देवभूमि के लोक दर्शन, संस्कृति, यहां की सुंदरता और पहाड़ के लोगों का प्यार देख पंजाबी होने के बावजूद उन्होंने उत्तराखंड में ही रहने की ठानी। उन्होंने अपना ठिकाना बेतालघाट में बनाया। जहां उन्होंने ढिनाई गौशाल एवं ढिनाई डेयरी की स्थापना की। इसके बाद बेतालेश्वर सेवा समिति की स्थापना की। इस कार्य में उन्हें सफलता मिली तो उन्होंने ढिनाई डेयरी व सेवा समिति की स्थापना कर स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ा। साथ ही उन्हें स्वरोजगार, स्वास्थ्य, खेल और महिलाओं को आत्मनिर्भर भी बनाया। फिर उनका कारवां बनता गया। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी उन्हें हमेशा सहयोग करती है। उन्हें सामाजिक कार्यों के लिए प्रेरित करती है। पत्नी के सहयोग से उन्हें और मजबूती मिलती है। उन्होंने क्षेत्र में एक सीएससी सेंटर खोला है। जहां से लोगों को जाति प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र जैसे जरूरी कागजात बनाये जाते है। साथ ही उन्होंने एक कंप्यूटर सेंटर भी खोला है। क्षेत्र में बेरोजगारी को दूर करना और शिक्षा एवं स्वास्थ्य की बेहतर व्यवस्था करना उनका लक्ष्य है।

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18 एकड़ भूमि में बनाया स्वरोजगार का संगम

समाजसेवी राहुल अरोड़ा ने बताया कि वर्ष 2014 में उन्होंने बेतालघाट के ग्राम तौराड़ के तोक भद्रगड़ी में दुग्ध डेयरी का संचालन किया। यह डेयरी करीब 18 एकड़ भूमि में बनी हुई है। इसकी सुंदरता को बढ़ाने के लिए निजी पाइपों का जाल बिछाकर उन्हें सुरम्य स्थान में तब्दील किया गया। साथ ही डेयरी में पानी के लिए 40 हजार लीटर, 35 हजार लीटर, 20 हजार लीटर और 5 हजार के 4 निजी टेंक भी लगाए। उन्होंने बताया कि उनकी डेयरी में वर्तमान में 50 गायें पल रही है। जो करीब 80 लीटर दूध देती है। इस दूध को क्षेत्र के लोगों को न्यूनतम दामों पर बेचा जाता है। उनके डेयरी से 15 स्थानीय परिवारों को रोजगार से जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य करीब 200 गायों का पालना और पूरे जिले में दूध की खपत करना है।

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दुनियां भर में छाया पहाड़ का पिसी नूण

उन्होंने कुमाऊंनी स्वाद को जीवित रखने के लिए महिलाओं की एक समिति बनाकर उन्हें पहाड़ी पिसी नूण के उत्पादन में लगाया। देखते ही देखते पहाड़ी नूण दुनियांभर में छा गया। उनके नूण की तारीफ राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने भी की। इसके अलावा उन्होंने महिलाओं को स्वरोजगार के लिए सिलाई-कढ़ाई और कंप्यूटर शिक्षा का प्रशिक्षण दिया। वृद्धजनों के लिए पुस्तकालय एवं संगीत कक्ष की स्थापना की। क्षेत्र में अनुभवी दंत चिकित्सक की व्यवस्था की। केन्द्र की योजनाओं को आमजन तक पहुंचाया। चारा उत्पादन को स्वरोजगार से जोड़ा, अंत्योदय के तहत गरीब बेटी के कन्यादान में सहायता की। साथ ही पावन धाम दुर्गापुरी में वैदिक रीति से सामूहिक उपनयन संस्कार भी करवाये। वह गांव के लोगों की हर मामले में आर्थिक सहायता करते है।

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युवाओं को कंप्यूटर शिक्षा और खेल से जोड़ा

समाजसेवी राहुल अरोड़ा ने क्षेत्र के युवाओं को कंप्यूटर शिक्षा से जोड़ा जिससे उन्हें रोजगार के लिए आसानी हो सकें। इसके अलावा समय-समय में गांव में खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया। उनका उद्देश्य प्रतिभाओं को निखारना है। युवाओं ने भी खेलकूदों में बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। बेतालेश्वर सेवा समिति के माध्यम से उन्होंने स्पोटर््स क्लब की स्थापना की। कोच द्वारा विभिन्न खेलों का प्रशिक्षण युवा खिलाडिय़ों को दिया जाता है। गरीब वर्ग के खिलाडिय़ों को ट्रेक सूट, पदवेश और खेल की सामग्री उपलब्ध करायी। उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहने की सलाह दी। समय-समय वह अपने गोष्ठियों के माध्यम से नशामुक्त अभियान चलाते है। साथ ही छात्रों को फ्री कोचिंग भी देते है। उनकी निश्पक्ष समाज सेवी भाव ने उन्हें यश 11 मैंनेजमेंट द्वारा India’s Real Hero Award -2020 का दावेदार बना दिया। उन्हें अवार्ड दिये जाने की खबर से समूचे बेतालघाट में खुशी का माहौल है।