Online Study: ऑनलाइन शिक्षा को लेकर एक सर्वे में हुआ ये खुलासा, खड़े हो गए सवाल
लॉकडाउन (lockdown) लगने के बाद बच्चों की पढ़ाई का बहुत बड़ा असर दिखाई दिया है। लॉकडाउन लगने के बाद से ही ऑनलाइन पढ़ाई (online education) शुरू करवा दी गई थी। जिसमें आगे की परिस्थितियों को देखते हुए यह भी निर्णय लिया गया कि ऑनलाइन पढ़ाकर एग्जाम (exam) भी ले लिए जाएंगे। लेकिन भारत में अभी यह धरातल पर उतरता दिखाई नहीं पड़ रहा है। जिसने ऑनलाइन शिक्षा पर सवाल पैदा कर दिया है।
ऑनलाइन शिक्षा में छोटे संस्थानों को तो छोड़े, बड़े-बड़े तकनीकी संस्थानों (technical Institute) के छात्र-छात्राओं ने भी इसमें रुचि नहीं ली है। साथ ही एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि सिर्फ 30 फ़ीसदी बच्चे ही ऑनलाइन एजुकेशन में शामिल हो रहे हैं। बल्कि 70 फ़ीसदी बच्चों का मानना यह है कि जब स्कूल, कॉलेज खुलेंगे तो पढ़ाई कर लेंगे।
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डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने प्रदेश के सभी तकनीकी संस्थानों के छात्रों पर एक सर्वे कराया था। सर्वे में पता चला कि छात्र सिर्फ उपस्थिति दर्ज कराने को ऑनलाइन कक्षाओं से जुड़ते हैं। इसमें यह भी सामने आया कि ऑनलाइन पढ़ाई में सिर्फ 50% छात्रों को ही ई-कंटेंट और लेक्चर (e-content and lecture) समझ में आए। बाकी छात्रों ने सिर्फ कोर्स पूरा किया है।
सर्वे में सामने आए ये तथ्य
• ऑफलाइन की तरह तैयार किए ऑनलाइन लेक्चर, ये छात्रों को समझ नहीं आ रहे
• शिक्षकों के पास ऑनलाइन पढ़ाने का तरीका नहीं है, उन्हें खुद तैयार होने की जरूरत
• इंटरनेट की स्पीड सबसे बड़ा रोड़ा है, मोबाइल इंटरनेट की स्पी़ड से छूट जाते हैं लेक्चर
• हर क्षेत्र में इंटरनेट स्पीड अच्छी नहीं, लगातार आधे-एक घंटे जुड़ने में आती है दिक्कत
• ऑनलाइन शिक्षा के प्रति संवेदनशील व मोबाइल-लैपटॉप से पढ़ाई के फ्रेंडली नहींछात्र
• शिक्षक-छात्र संवाद टूटने से न समझे कंटेंट, महत्वपूर्ण टॉपिक के नहीं बन पाए नोट्स