ईपीएफ की न्यूनतम पेंशन बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं

न्यूज टुडे नेटवर्क। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्र ने यहां केंद्रीय बजट 2021-22 पर बुलाये गए एक संवाददाता सम्मेलन में यह बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन- ईपीएफओ की भविष्य निधि के अंशधारकों के लिए ‘ईपीएफ न्यूनतम पेंशन’ बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने बताया कि इस बारे में कोई
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ईपीएफ की न्यूनतम पेंशन बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्र ने यहां केंद्रीय बजट 2021-22 पर बुलाये गए एक संवाददाता सम्मेलन में यह बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन- ईपीएफओ की भविष्य निधि के अंशधारकों के लिए ‘ईपीएफ न्यूनतम पेंशन’ बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने बताया कि इस बारे में कोई प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को नहीं भेजा गया है।

जो प्रस्ताव श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने भेजे थे, उन्हें केंद्रीय बजट में स्‍वीकृत कर लिया गया है। श्रमिक संगठनों द्वारा लंबे समय से ईपीएफ की मासिक न्यूनतम पेंशन राशि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि सामाजिक सुरक्षा के नाम पर सरकार न्यूनतम 2००० रुपए या इससे अधिक पेंशन मासिक रुप से दे रही है जबकि ईपीएफओ के अंशधारकों को अंश का भुगतान करने के बावजूद इससे बहुत कम पेंशन मिल रही है।

श्री चंद्र ने यह भी बताया कि सरकार सप्ताह मे तीन या चार दिन कार्य दिवस करने पर विचार कर रही है लेकिन सप्ताह में काम के घंटे 48 घंटे से अधिक नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि यह मूल रुप से कर्मचारी और नियोक्ता के बीच का मामला होगा। सरकार केवल एक विकल्प उपलब्ध करायेगी और यह केवल अभी प्रस्ताव है और अंतिम फैसला श्रमिक संगठनों की सहमति से लिया जाएगा।

श्री चंद ने यह भी बताया कि भविष्य निधि में 2.5 लाख रुपए की सीमा में लोक भविष्य निधि का अंशदान शामिल नहीं है। इन निधियों का गठन अलग अलग कानूनों के तहत हुआ है। भविष्य निधि में 2.5 लाख रुपए के अंशदान की सीमा केवल दो लाख से तीन लाख अंशधारकों को ही प्रभावित करेगी।