हल्द्वानी-(निकाय चुनाव) सुमित हृदयेश की इन पांच खूबियों के वोटर हुए दीवानें, आप भी जानिये

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क- नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के मेयर पद प्रत्याशी सुमित हृदयेश को लोगों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। लोग उनकी खूबियों के चलते उन्हें पसंद करने लगे हैं। वही सुमित भी जनता से जुडऩे के लिए कोई कोर कसर बाकि नहीं छोड़ रहे है। जनसंपर्क अभियानों और बैठकों में उनकी सकारात्मक
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हल्द्वानी-(निकाय चुनाव) सुमित हृदयेश की इन पांच खूबियों के वोटर हुए दीवानें, आप भी जानिये

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क- नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के मेयर पद प्रत्याशी सुमित हृदयेश को लोगों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। लोग उनकी खूबियों के चलते उन्हें पसंद करने लगे हैं। वही सुमित भी जनता से जुडऩे के लिए कोई कोर कसर बाकि नहीं छोड़ रहे है। जनसंपर्क अभियानों और बैठकों में उनकी सकारात्मक सोच के चलते लोग उन्हेंसुनने आ रहे है। उनके जनसंपर्क अभियान में हर तरह के लोग आ रहे है। बुजुर्गो से लेकर बच्चों तक उनकी भाषणों को सुनने आ रहे है। उनके युवाओं से दोस्ताना व्यवहार भी वोटरों को खूब भा रहा है। बुजुर्ग उन्हें जीत के लिए आर्शीवाद दे रहे हंै। सुमित ने जनसंपर्क अभियान के दौरान लोगों से हाथ के निशान मोहर लगाने की अपील की।

हल्द्वानी-(निकाय चुनाव) सुमित हृदयेश की इन पांच खूबियों के वोटर हुए दीवानें, आप भी जानिये

युवाओं के बीच लोकप्रिय सुमित

कांग्रेस मेयर प्रत्याशी सुमित हृदयेश अपने लोकप्रिय व्यवहार से युवा वोटरों को अपनी ओर खींच रहे हैं। सुमित के आस-पास अधिकर युवा वर्ग के लोग है। सुमित भी उनके हर दुख-सुख में भागीदारी करते है ऐसे में सुमित युवाओं की पहली पसंद बन हुए है। सुमित कॉलेज के चुनावों में सबसे ज्यादा सक्रिय रहने वाले युवा नेता है। इसलिए उनकी पकड़ युवाओं के बीच मजबूत है। युवा भी उनके लोकप्रिय व्यवहार को देखकर उनसे जुडऩा चाहते हैं।

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बुजुर्ग दे रहे हैं आर्शीर्वाद

जनसभाओं के दौरान बुजुर्गो को सम्मान के साथ बैठाना और उनकी समस्याएं सुनना सुमित के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। सुमित के व्यवहार को देखकर बुजुर्ग भी उनकी ओर खीचे चले आ रहे है। कई क्षेत्रों में बुजुर्गों ने उन्हें समर्थन दिया है। बुजुर्गों का सम्मान करना सुमित को विरासत में मिला है। घर में उनकी मां नेता प्रतिपक्ष डा.इंदिरा हृदयेश से उन्हें यह सब सीखने को मिला है। किस तरह बड़ों का आदर किया जाता है यह सुमित से देखने को मिल रहा है। जनसंपर्क के दौरान आमा का आर्शीर्वाद लेना सुमित कभी नहीं भूलते है।

हल्द्वानी-(निकाय चुनाव) सुमित हृदयेश की इन पांच खूबियों के वोटर हुए दीवानें, आप भी जानिये

बच्चों से प्यार, महिलाओं को दीदी कहना व्यवहार में शुमार

अधिकतर जनसभाओं में देखने को मिला है कि सुमित बच्चों को अपने पास बैठा लेते है। ऐसें में बच्चों से प्यार करना उनके व्यवहार को दर्शाता है। जनसभा के दौरान कई बच्चों को सुमित अपने अगल-बगल बैठा देते है। ऐसे में उनका बडक़पन देख लोग गदगद है जो उनके आगे बढऩे की राह को और आसान कर रहा है। कांग्रेस मेयर प्रत्याशी सुमित हृदयेश महिला ओं को दीदी कहकर पुकराते है। इससे भी वोटरों में बड़ा फर्क पड़ा है। महिलाओं का सम्मान करना और मृदुभाषी होना सुमित के लिए सोने पर सुहागा होने से कम नहीं है। ऐसें में महिलाएं भी सुमित के साथ के प्रचार अभियान में उतर रही है। इससे सुमित को काफी मजबूती मिली है।

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दुख-दर्द में साथ देने वाला

कांग्रेस मेयर प्रत्याशी सुमित हृदयेश दुख-दर्द में साथ देने वाले व्यक्ति है। लोगों का कहना है कि अगर उन्हें आधी रात में फोन करें तो वह उठा लेते है। उसी समय मदद के लिए तैयार रहते है। यह सारे गुण उन्होंने अपनी माता डा. इंदिरा हृदयेश से सीखें है। जिससे लोगों की बीच उनकी अच्छी छवि बनती जा रही है। काठगोदाम के ट्रांसपोर्टर प्रकाश पाण्डे के परिवार को दस लाख की मदद दी। सुख-दुख में उसका साथ देना सबसे बड़ा माना जाता है। इसलिए लोग आज सुमित के पक्ष में खड़े है।

साफ विज़न और वादे के पक्के

जिस तरह से नेता प्रतिपक्ष ने हल्द्वानी में विकास कार्यों को अंजाम दिया। ठीक उसी तर्ज पर सुमित हृदयेश भी चल रहे है। उन्होंने मंडी समिति के अध्यक्ष पद पर रहते हुए कई विकास कार्यों का अंजाम दिया। जिसका फायदा शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने भी उठाया। मंडी अध्यक्ष रहते हुए सुमित ने तीन टैंको, सैकड़ो सडक़ों व मंडी स्थल में किसानों के लिए 9 वाटर कूलर भी लगाये। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में हैंड पंप, अनुदान पर कृषि यंत्र, करीब लाखों फलदार वृक्षों का वितरण किया। वही महंगाई की मार झेल रही जनता पहली बार कम दामों पर प्याज, टमाटर और दालों का स्टॉल लगाकर सुविधा प्रदान की। किसानों को कृषक क्षति सहायता योजना का लाभ दिलाया। कई किसानों को बाहरी राज्यों में ट्रेनिंग के लिए भी भेजा। साथ ही अल्मोड़ा के एक किसान को घर से मंडी तक उत्पाद ले जाने में हो रही दिक्कत पर उन्होंने दो साल बाद ही सही पर वहां सडक़ बनाई दी। जिससे साफ होता है कि वह अपने वादे और इरादे के पक्के है।