नई दिल्ली-नागरिकता संशोधन कानून पर बवाल, जानिये क्या है cab

New Delhi News- देशभर में नागरिकता संशोधन कानून पर बवाल हो रहा है। आज कांग्रेस ने गृह अमित शाह के घर के बाहर प्रदर्शन किया है। गृहमंत्री के घर के बाहर दिल्ली महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं ने यह प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ता मांग कर रहे थे कि कानून को वापस लिया जाए। गौरतबल है कि
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नई दिल्ली-नागरिकता संशोधन कानून पर बवाल, जानिये क्या है cab

New Delhi News- देशभर में नागरिकता संशोधन कानून पर बवाल हो रहा है। आज कांग्रेस ने गृह अमित शाह के घर के बाहर प्रदर्शन किया है। गृहमंत्री के घर के बाहर दिल्ली महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं ने यह प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ता मांग कर रहे थे कि कानून को वापस लिया जाए। गौरतबल है कि सीएए कानून के तहत दिल्ली सहित देशभर में गुरुवार को प्रदर्शन हुए थे। दिल्ली में कई जगहों पर गुरुवार को इंटरनेट सेवाएं बंद भी कर दी गई थी। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प भी हुई।

नई दिल्ली-नागरिकता संशोधन कानून पर बवाल, जानिये क्या है cab

वही नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में गुरुवार को लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य जिलों में प्रदर्शन के उग्र होने के बाद से अब अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। यूपी के 12 दर्जन जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है जबकि प्रदेश में 31 जनवरी तक धारा 144 लागू कर माहौल पर नियंत्रण करने का प्रयास जारी है। लखनऊ में भीड़ के हिंसक प्रदर्शन में गुरुवार देर रात एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि एडीजी जोनए आइजी रेंजए समेत 70 से अधिक पुलिसकर्मी घायल थे।

नागरिकता संशोधन बिल नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों को बदलने के लिए पेश किया जा रहा है। नागरिकता बिल 1955 के हिसाब से किसी अवैध प्रवासी को भारत की नागरिकता नहीं दी जा सकती। अब इस संशोधन से नागरिकता प्रदान करने से संबंधित नियमों में बदलाव हो गया है। नागरिकता बिल में इस संशोधन से मुख्य रूप से छह जातियों के अवैध प्रवासियों को फायदा होगा। बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं के साथ ही सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए अवैध दस्तावेजों के बाद भी भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता साफ हो जाएगा।

इस बार भले ये क़ानून बन गया हो लेकिन इससे पहले भी केन्द्र सरकार ने इसे पास कराने की कोशिश की थी। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान इसी वर्ष 8 जनवरी को यह लोकसभा में पारित हो चुका है। लेकिन इसके बाद पूर्वोत्तर में इसका हिंसक विरोध शुरू हो गया, जिसके बाद सरकार ने इसे राज्यसभा में पेश नहीं किया। सरकार का कार्यकाल पूरा होने के साथ ही यह विधेयक स्वत: ख़त्म हो गया। अब मोदी सरकार दोबारा सत्ता में आई तो अनुच्छेद 370 समेत कई बड़े फैसले किए गए और अब नागरिकता संशोधन विधेयक भी क़ानून बन गया है।

नागरिकता संशोधन क़ानून का असर पूरे देश में होना है लेकिन इसका विरोध पूर्वोत्तर राज्यों, असम, मेघालय, मणिपुर, मिज़ोरम, त्रिपुरा, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश में ज़्यादा हुआ। और जब छात्रों ने इसका विरोध शुरू किया है तो इसकी आंच देश के अलग-अलग विश्वविद्यालयों तक पहुंची। इन राज्यों में इसका विरोध इस बात को लेकर हो रहा है कि यहां कथित तौर पर पड़ोसी राज्य बांग्लादेश से मुसलमान और हिंदू दोनों ही बड़ी संख्या में अवैध तरीक़े से आ कर बस जा रहे हैं। देखते ही देखते पूरे देश में इस बिल को लेकर हिंसक झड़प होने शुरू हो गई।