नई दिल्ली-रमजान पर मतदान को लेकर सियासी घमासान, चुनाव आयोग ने दिया ये बड़ा बयान
नई दिल्ली-न्यूज टुडे नेटवर्क-चुनावी तारीखों का एलान होने के बाद रमजान के दौरान मतदान को लेकर सियासी घमासान हो गया। चुनाव आयोग ने साफ किया है कि शुक्रवार और त्योहार के दिन वोटिंग नहीं है। कल रविवार को लोकसभा चुनावों का पूरा कार्यक्रम घोषित हुआ है। इस दौरान उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में मतदान की तारीखों को लेकर विवाद बढ़ गया है। मुस्लिम नेताओं ने चुनाव की तारीखें रमजान के महीने में रखने पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि रोजेदारों को मतदान के लिए जाने में परेशानी होगी। आज चुनाव आयोग ने अपना पक्ष साफ किया। चुनाव आयोग ने कहा है कि रमजान के पूरे महीने हम चुनाव को नहीं रोक सकते। हालांकि त्योहार के मुख्य दिन और शुक्रवार यानी जुमे वाले दिन मतदान नहीं आयोजित किया गया है। रमजान के महीने में चुनाव को लेकर तृणमूल कांग्रेस समेत कुछ दलों ने विरोध किया है।
रमजान में रोजा रखते है अल्पसंख्यक
लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम पर तृणमूल कांग्रेस के नेता और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने चुनावों को लेकर बीजेपी पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी नहीं चाहती कि अल्पसंख्यक मतदान करें। इसलिए रमजान के दौरान रोजे का ख्यान नहीं रखा गया है। लेकिन हम चिंतित नहीं हैं। हम वोट डालेंगे। फिरहाद हकीम ने कहा है कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, हम इसका सम्मान करते है। हम उसके खिलाफ कुछ भी नहीं बोलना चाहते। सात चरणों का चुनाव तीन राज्यों बिहार, यूपी और पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए कठिन होगा। यह उनके लिए और अधिक कठिन होगा जो रमजान में रोजा रखते है। क्योंकि इसी समय रमजान महीना भी होगा। इन तीनों राज्यों में अल्पसंख्यकों की आबादी कहीं अधिक है।